बेंगलुरू: कर्नाटक में तीन लोकसभा सीटों और दो विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव के तहत शनिवार को हुए मतदान में औसतन 67 फीसदी वोट पड़े। इन उप-चुनावों को राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की लोकप्रियता की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। इन चुनावों के नतीजों का असर राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर हो सकता है।
शिवमोग्गा, बल्लारी और मांड्या लोकसभा सीट पर क्रमश: 61.05, 63.85 और 53.93 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। रामनगर और जामखंडी विधानसभा सीटों पर क्रमश: 73.71 और 81.58 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि मतदान शुरू होने के बाद के कुछ घंटों तक मतदाताओं की संख्या काफी कम देखी गई। लेकिन दिन ढलने के साथ ही इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई।
उन्होंने बताया कि दो-तीन जगहों पर कुछ तकनीकी मुद्दों को छोड़कर पांचों सीट पर मतदान शांतिपूर्ण रहा। पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पांच सीटों के 6,450 मतदान केंद्रों पर मत डालने के पात्र लोगों की कुल संख्या 54,54,275 थी। चुनाव मैदान में कुल 31 उम्मीदवार उतरे थे। हालांकि, मुख्य मुकाबला कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन और भाजपा के उम्मीदवारों के बीच ही माना जा रहा है। वोटों की गिनती छह नवंबर को होगी।
इससे पहले चुनाव के ठीक दो दिन पहले यानी गुरुवार को भाजपा को उस समय झटका लगा था, जब कर्नाटक के रामनगर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार एल. चंद्रशेखर ने भाजपा का साथ छोड़ वापस कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इस संबंध में उन्होंने कहा था कि वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में वापस लौट आए हैं।
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