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Hindi News भारत राजनीति बी एस येदियुरप्पा सात साल बाद फिर बने कर्नाटक के CM, जानिए उनका राजनीतिक सफरनामा

बी एस येदियुरप्पा सात साल बाद फिर बने कर्नाटक के CM, जानिए उनका राजनीतिक सफरनामा

बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले लिंगायत का समर्थन प्राप्त नेता माना जाता है। बता दें कि उन्होंने बीते समय में भाजपा छोड़कर अलग पार्टी बना ली थी। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपने दल ‘कर्नाटक जनता पक्ष’ का वापस भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया।

Karnataka Assembly Election: Know who is bs yeddyurappa?- India TV Hindi बी एस येदियुरप्पा सात साल बाद फिर बन सकते हैं कर्नाटक के सीएम, जानिए उनका राजनीतिक सफरनामा

नई दिल्ली: कर्नाटक में भाजपा ने नई सरकार बनाई और इस नई सरकार के मुख्यमंत्री बने हैं  बुकंकरे सिद्दालिंगप्पा येदियुरप्पा हैं। राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था। आज सुबह 9 बजे बीएस येदियुरप्पा कर्नाटाक के सीएम पद की शपथ ली। बता दें कि भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने उनको  कर्नाटक के नए सीएम के रूप में भाजपा के चेहरे के रूप में ऐलान करते हुए कहा था बीएस येदियुरप्‍पा कर्नाटक में अगले पांच साल तक मुख्‍यमंत्री रहेंगे। बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले लिंगायत का समर्थन प्राप्त नेता माना जाता है। बता दें कि उन्होंने बीते समय में भाजपा छोड़कर अलग पार्टी बना ली थी। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपने दल ‘कर्नाटक जनता पक्ष’ का वापस भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया।

लिंगायत समुदाय के सबसे बड़े नेता
कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय सबसे बड़ा है, इस समुदाय की तादाद सूबे की आबादी में तकरीबन 17 प्रतिशत है और इस समुदाय के लोगों को आशंका थी कि येदियुरप्पा के नाम पर वोट हासिल करने के बाद बीजेपी उन्हें अंगूठा दिखा देगी। येदियुरप्पा को लिंगायत समुदाय का सबसे बड़ा नेता माना जाता है और पार्टी में उनके रहते बीजेपी को लिंगायत समुदाय का समर्थन मिलना तय है। सार्वजनिक तौर पर येदियुरप्पा की तरफदारी करने की कोशिश लिंगायत समुदाय के मन में चल रही आशंका को कम करने की मंशा से की गई।

येदियुरप्पा का शुरुआती जीवन
येदियुरप्पा का जन्म 27 फ़रवरी 1943 को मांड्या जिले के बुक्कनकेरे में हुआ था। उनके पिता का नाम सिद्धलिंगप्पा और माता का नाम पुट्टतायम्मा था। कर्नाटक के तुमकुर जिले में येदियुर स्थान पर संत सिद्धलिंगेश्वर द्वारा बनाए गए शैव मंदिर के नाम पर उनका नाम रखा गया था। जब येदियुरप्पा चार साल के थे तब ही इनकी माता की मौत हो गई। उन्होंने कला से स्नातक किया है। 1965 में वे समाज कल्याण विभाग के प्रथम श्रेणी के किरानी चुए गए लेकिन वे शिकारीपुर चले गए जहां उन्होंने वीरभद्र शास्त्री चावल मील में किरानी की नौकरी कर ली।

1967 में उन्होंने वीरभद्र शास्त्री की पुत्री मैत्रादेवी से शादी कर ली। बाद के दिनों में उन्होंने शिमोगा में हार्डवेयर की दुकान खोली। येदियुरप्पा के दो पुत्र, बी वाई राघवेंद्र और विजयेंद्र एवं दो पुत्री हैं, जिनके नाम, अरूणादेवी, पद्मावती और उमादेवी हैं। 2004 में एक दुर्घटना में उनकी पत्नी चल बसी। येदियुरप्पा का नाम विवादों से भी घिरा रहा है। खनन घोटोले को लेकर उन पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। साल 2010 में उन पर बेटों को जमीन आवंटित करने के लिए पद के दुरुपयोग का भी आरोप लगा हालांकि बाद में उन्हें विवादित मामलों में न्यायालय से राहत भी मिली।

दक्षिण भारतीय राज्य में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री
इन तमाम असंगतियों के बीच येदियुरप्पा की संपत्ति में अकूत इज़ाफ़ा होता रहा। 2008 में उनके पास 1.82 करोड़ की सम्पत्ति थी। लेकिन 2013 में बढ़कर वो 5.83 करोड़ हो गयी। 2014 में भी इसमें इज़ाफ़ा हुआ। ये सम्पत्ति बढ़कर 6.97 करोड़ हो गई लेकिन अब 2018 में वो 4.85 करोड़ के मालिक हैं। बीएस येदियुरप्पा ने साल 2008 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीता था, जिसके बाद वे मुख्यमंत्री बने। येदियुरप्पा किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री हैं।

‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत राज्य में हासिल की थी जीत
‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत उन्होंने राज्य में जीत हासिल की थी। इसके बाद पिछले कर्नाटक चुनाव में बीजेपी और येदियुरप्पा के अलग होने के बाद दोनों की ही ताकत घट गई और कांग्रेस को शासन का मौका मिल गया। इस बार एक बार फिर बीजेपी और बीएस येदियुरप्पा एक साथ मैदान में हैं और कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैं।

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