कर्नाटक चुनाव: कांग्रेस का ओवैसी नीत पार्टी से कोई समझौता नहीं होगा
ओवैसी नीत पार्टी 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है, जिनमें मुख्य रूप से राज्य के अल्पसंख्यक बहुल इलाके शामिल हैं...
नई दिल्ली: कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस सचिव मधु गौड यक्षी ने कहा है कि कांग्रेस का असदुद्दीन ओवैसी नीत ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के साथ राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए कोई समझौता नहीं होगा। यक्षी ने मीडिया में आई इस खबर को खारिज कर दिया कि अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा नहीं होने देने को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश कांग्रेस नेताओं की एआईएमआईएम नेताओं के साथ एक बैठक हुई है।
ओवैसी नीत पार्टी 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है, जिनमें मुख्य रूप से राज्य के अल्पसंख्यक बहुल इलाके शामिल हैं। कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल चुनाव होना है। कांग्रेस शासन वाला फिलहाल यह सबसे बड़ा राज्य है। इसके अलावा पंजाब, मेघालय, मिजोरम, पुडुचेरी अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां पार्टी सत्ता में है।
चुनावी राज्य कर्नाटक के लिए कांग्रेस के प्रभारी सचिव यक्षी ने कहा कि एआईएमआईएम नेता के साथ हमारी कभी कोई बैठक नहीं हुई। वहीं, उन्होंने ओवैसी पर आरोप लगाया कि वह कांग्रेस को मिलने वाले वोटों को बांटने के लिए भाजपा के साथ तालमेल बैठा रहे हैं। यक्षी ने यह भी कहा कि कांग्रेस का विधानसभा चुनाव के लिए ओवैसी नीत पार्टी से कोई समझौता नहीं होगा।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय का वोट हासिल करने को सुनिश्चित करने के लिए पार्टी ने एक रणनीति बना रखी है। उन्होंने कहा कि वोटों का बंटवारा रोकने के लिए के. सिद्धरमैया को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाना भी एक अच्छा कदम रहा है। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया ने पिछले चार साल में मुसलमान, ओबीसी और अनुसूचित जाति समुदायों के वोटों को मजबूत करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास मुस्लिम नेताओं की एक फेहरिस्त है, जिन्हें यह अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए चुनाव प्रचार में उतारेगी। उन्होंने यह भी कहा, ‘हमने यह प्रयोग गुजरात और बिहार सहित अन्य विधानसभा चुनावों में किया। इसने हमें परिणाम दिए। यह कर्नाटक में भी परिणाम देगा।’’ हालांकि, कर्नाटक विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम अभी घोषित होना बाकी है। पर चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है। कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है।