बेंगलुरु: कर्नाटक में सियासी उठापठक का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को दावा किया कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार बहुमत खो चुकी है और अपने ‘आंतरिक विरोधाभास’ के कारण सत्तारूढ़ गठबंधन ‘ढहने’ के कगार पर है। भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन भाजपा के विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर रहा है और घटती संख्या को रोकने का उसका ‘हताश प्रयास’ निष्फल हो जाएगा।
बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व स्थिति पर रख रहा है नजर
आपको बता दें कि भाजपा के विधायक राष्ट्रीय राजधानी के पास एक रिसार्ट में ठहरे हुए हैं। पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगला कदम उठाने से पहले पार्टी इस पर नजर रखे हुए है कि गठबंधन के भीतर के मतभेद को कैसे दूर किया जाता है। उन्होंने कहा,‘प्रदेश इकाई को फैसला करने दीजिए, उसके बाद हम इस पर विचार करेंगे।’ विधायकों को अपने पाले में करने के प्रयास के आरोपों पर भगवा पार्टी ने कांग्रेस-जेडीएस पर पलटवार किया।
भगवा दल का दावा, ढहने के कगार पर कर्नाटक सरकार
राव ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस से आ रहा बयान उनकी अपनी नाकामियों को छिपाने और अल्पमत वाली सरकार चलाने के लिए समय पाने का प्रयास है। राज्य सरकार वैधता खो चुकी है क्योंकि उसके पास जरूरी नंबर नहीं है और सरकार गिरने की शुरूआत हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि विभिन्न धड़ों के बीच कलह गहराने के कारण कर्नाटक में सरकार ढहने के कगार पर है।
कांग्रेस ने कहा, एकजुट हैं हमारे विधायक
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने 18 जनवरी को कर्नाटक विधायक दल की बैठक बुलाई है। साथ ही पार्टी ने भाजपा पर इसने राज्य सरकार को अस्थिर करने की खातिर खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए हैं। पार्टी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के विधायक ‘एकजुट’ हैं और उन खबरों को खारिज किया जिसमें दावा किया गया कि कुछ विधायक पार्टी छोड़ने वाले हैं। पार्टी ने कहा कि एचडी कुमारस्वामी की सरकार को कोई खतरा नहीं है।
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