नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने अपना प्राधिकार साबित करने के लिए दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त आयुक्त को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) का प्रमुख नियुक्त कर दिया जो कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से नियुक्त एसीबी प्रमुख के ऊपर होंगे। इस पर आप सरकार की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जतायी गई।
उप राज्यपाल ने इसके साथ ही दिल्ली पुलिस के सात निरीक्षकों का स्थानांतरण भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में कर दिया। कुछ दिन पहले ही आप सरकार ने बिहार के पांच पुलिस अधिकारियों को एसीबी में शामिल किया था।
जंग ने संयुक्त आयुक्त एम के मीणा को एसीबी प्रमुख नियुक्त कर दिया जिस पर अभी तक एस एस यादव कार्यरत थे। मीणा वर्तमान में दिल्ली क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। उपराज्यपाल के आदेश में कहा गया है कि उन्हें एसीबी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
जंग और आप सरकार के बीच एसीबी पर प्राधिकार सहित कई मुद्दों पर टकराव है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संयुक्त आयुक्त का नया पद सृजित करने के लिए जंग को आड़े हाथ लिया और सभी नियुक्तियों पर सवाल खड़े किये।
उन्होंने सवाल किया, ‘संयुक्त आयुक्त का नया पद सृजित करने और अपना अधिकारी नियुक्त करने के पीछे आपका क्या षड्यंत्र है।’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘क्या यह इस भय से किया गया है कि एसीबी सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच करेगी।’ उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने एसीबी के प्रमुख पद पर जिसकी नियुक्ति की है उस अधिकारी ने गत अप्रैल में जंतर मंतर पर हुई किसान रैली में एक किसान की आत्महत्या को एक हत्या बनाकर उन्हें ‘फंसाने’ का प्रयास किया था।
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