JNU नारेबाजी केस: कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लगभग 3 साल पुराने इस मामले की जांच पूरी कर ली है।
नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सोमवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। कन्हैया, खालिद और अनिर्बान के अलावा आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली, और खलिद बशीर भट के नाम चार्जशीट में शामिल हैं। इनके अलावा शेहला रशीद तथा सीपीआई नेता डी राजा की बेटी अपराजिता राजा का नाम भी चार्जशीट में शामिल है। इनके अलावा 36 नाम ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है लेकिन उनके बारे में कहा गया है कि वे भी नारे लगाने वालों के साथ खड़े हुए थे।
कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के परिसर में कथित रूप से संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में एक कार्यक्रम करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी फरवरी 2016 में देशद्रोह के मामले में की गई थी। बताया जा रहा है कि कन्हैया ने 9 फरवरी 2016 की शाम प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया था। पुलिस को अपनी जांच में पता चला है कि ऐसी किसी भी गतिविधि के लिए अनुमति लेने की प्रक्रिया को भी पूरा नहीं किया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब प्रदर्शनकारियों को बताया गया कि ऐसे किसी भी कार्यक्रम को करने के लिए उन्होंने जरूरी अनुमति नहीं ली है, तो कन्हैया आगे और और सुरक्षा अधिकारियों के साथ बहस करने लगे। कहा जा रहा है कि इसी के बाद उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। आपको बता दें कि फरवरी 2016 में हुई कन्हैया की गिरफ्तारी ने देश की राजनीति में उबाल ला दिया था और विपक्ष ने पुलिस पर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी की शह पर काम करने का आरोप लगाया था।
चार्जशीट दायर होने पर कन्हैया ने कहा है कि चुनाव से ठीक पहले चार्जशीट दायर होना राजनीति से प्रेरित है, कन्हैया ने कहा कि चार्जशीट दायर करने में पुलिस को 3 वर्ष लग गए हैं, हालांकि उसने देश की न्यायव्यवस्था पर भरोसा भी जताया है।