नीतीश प्राइवेट सेक्टर में मांग रहे आरक्षण, तो मांझी ने कहा- 'तीसरी पीढ़ी को ना मिले आरक्षण'
जीतन राम मांझी ने कहा, यदि किसी परिवार की दो पीढ़ियों ने आरक्षण का लाभ ले लिया है तो तीसरी पीढ़ी को...
गया (बिहार): बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने आज सुझाव दिया कि किसी परिवार को आरक्षण का लाभ लगातार दो पीढ़ियों से अधिक नहीं मिलना चाहिए। मांझी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "यदि किसी परिवार की दो पीढ़ियों ने आरक्षण का लाभ ले लिया है तो तीसरी पीढ़ी को आरक्षण की सुविधा नहीं देनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए नौकरियों में आरक्षण की नीति की समीक्षा की जरूरत है।"
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी की टिप्पणी अहमियत रखती है क्योंकि वह भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन में साझेदार हैं और "महादलित" समुदाय से आते हैं। बहरहाल, मांझी ने बिहार में रेत खनन के काम में लगे वंचित वर्गों के लिए आरक्षण की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य की जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) में केंद्रों के आवंटन में आरक्षण की तर्ज पर उन्हें कोटा दिया जाए।
एक सवाल के जवाब में मांझी ने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए गुजरात में सरकार बना लेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "गुजरात में नतीजे आने दीजिए। भाजपा वहां फिर सरकार बनाएगी।" उन्होंने कांग्रेस और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से कहा कि वे लोगों को बताएं कि संवैधानिक प्रावधानों एवं उच्चतम न्यायालय की ओर से सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर लगाई गई 50 फीसदी की सीमा का उल्लंघन करके आरक्षण का लाभ कैसे देंगे।
मांझी ने कहा, "अभी गुजरात में ओबीसी, एससी और एसटी के लिए 49.5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है।" पूर्व मुख्यमंत्री गुजरात में पाटीदारों की ओर से की जा रही आरक्षण की मांग के खिलाफ रहे हैं। उनका दावा है कि इस समुदाय ने गुजरात में ‘‘जमींदारों’’ की हैसियत का आनंद लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता सूची को ‘आधार’ से जोड़ा जाए ताकि निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव हो सकें।