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हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे से अटकलें तेज, निशिकांत दूबे के ट्वीट ने मचाई सियासी हलचल

झारखंड की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे के कुछ ट्वीट्स, और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दिल्ली यात्रा ने सियासी अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया है।

Hemant Soren, Hemant Soren Delhi, Hemant Soren Congress, Hemant Soren Nishikant Dubey- India TV Hindi Image Source : PTI बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे के कुछ ट्वीट्स, और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दिल्ली यात्रा ने झारखंड में सियासी अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया है।

रांची: झारखंड की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे के कुछ ट्वीट्स, और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दिल्ली यात्रा ने सियासी अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया है। दूबे के ट्वीट और गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे को लेकर सूबे के कुछ मंत्रियों समेत मंत्रिमंडल विस्तार में अपने लिए मंत्री पद की ख्वाहिश रखने वाले विधायकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए रांची से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग तेज हो गई है, वहीं दूबे के ट्वीट्स पर भी घमासान मचा हुआ है। 

क्या ट्वीट किया था दूबे ने?
बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने सोरेन की दिल्ली यात्रा को लेकर ट्वीट किया, ‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी अब कांग्रेस से परेशान, दिल्ली दर्शन उनका नए पार्टनर के साथ सरकार बनाने का जुगाड़ तो नहीं?’ दूबे के इस ट्वीट पर सत्तारुढ़ दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया की। इसके बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने सोरेन के बीजेपी में आने की संभावना से इनकार करते हुए लिखा, ‘हेमंत सोरेन जी, झारखंड बीजेपी आपकी चाल को समझ रही है। कांग्रेस के साथ ही आपको भ्रष्टाचार की सरकार चलानी है, लेकिन दबाव बनाने के लिए आप कुछ फोटो सेशन करना चाहते हैं जिससे आप कांग्रेस का दबाब कम कर पाएं। मधु कोड़ा पार्ट 2 ज़िन्दाबाद।’ 


कांग्रेस में मचा है घमासान?
वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि कांग्रेस में अंदरखाने घमासान मचा हुआ है। हेमंत सोरेेन की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात के नतीजों को लेकर नेता अटकलें लगा रहे हैं। यहां की हालत भले ही पंजाब या राजस्थान जैसी बुरी नहीं बताई जा रही है, लेकिन इतना जरूर कहा जा रहा है कि अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस के कोटे के एक-दो मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाकर उनकी जगह नए विधायकों को मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं। पार्टी की अगली रणनीति क्या हो, इसको लेकर प्रदेश से केंद्रीय नेतृत्व तक के स्तर पर चर्चा चल रही है।

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