महागठबंधन पर और गहराया संकट, तेजस्वी की सफ़ाई से संतुष्ट नहीं JDU
बिहार में महागठबंधन पर खतरे के बादल और गहराते जा रहे हैं। भ्रष्टाचार पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सफाई से जेडीयू संतुष्ट नही है।
बिहार में महागठबंधन पर खतरे के बादल और गहराते जा रहे हैं। भ्रष्टाचार पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सफाई से जेडीयू संतुष्ट नही है। तेजस्वी ने अपनी दलील देते हुए कहा था कि वह इस्तीफ़ा नहीं देंगे लेकिन जेडीयू दलीलों को नाकाफी बता रहा है। जेडीयू का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ रहा है और अगर राजद की ओर से कोई गंभीर जवाब नहीं दिया जाता तो पार्टी गठबंधन पर विचार करेगी।
ग़ौरतलब है कि बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी थी। उन्होंने सभी आरोपों को झूठा बताते हुए इसे पीएम मोदी और अमित शाह की साजिश बताया। तेजस्वी ने कहा कि 28 साल के एक युवा से डर गई है बीजेपी इसलिए फंसाने की साजिश हो रही है। उनका दावा है कि उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की और वह बीजेपी को करारा जवाब देंगे।
तेजस्वी यादव ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि 2004 में मैं 13-14 साल का था. इस उम्र में घोटाला कैसे कर सकता हूं. तब में मूंछे तक नहीं उगी थी।
लालू परिवार पर पिछले कुछ वर्षों में करोड़ो के फ्री गिफ्ट की बरसात भी जांच के दायरे में है। इसमें भी तेजस्वी के नाम पर कई संपत्तियों की लेन-देन हुई इनकी जांच चल रही है। सीबीआई के 27 अधिकारियों की टीम ने पिछले हफ्ते लालू यादव के 12 ठिकानों पर छापेमारी की और राबड़ी देवी तथा उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव से घंटों पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार तेजस्वी से पटना मॉल में हिस्सेदारी से संबंधित सवाल पूछे गए। सीबीआई के अडिशनल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने बताया कि लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे को दो होटलों के रखरखाव के लिए एक प्राइवेट कंपनी को टेंडर दिया गया और इसके बदले लालू को तीन एकड़ जमीन दी गई।
ये टेंडर साल 2004 से 2009 के बीच इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्पोरेशन (IRCTC) के जरिए दिए गए थे, जब लालू रेल मंत्री थे। अस्थाना ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच रची गई इस कथित साजिश के लिए लालू और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट, 1988 के तहत केस दर्ज किया गया है।