कई लोगों का मानना है कि ओ. पन्नीरसेल्वम की सरकार जयललिता के नाम पर कल्याणकारी योजनाओं और सुशासन के माध्यम से राज्य में उनके द्वारा तैयार किए गए सकारात्मक माहौल को बरकरार रख सकती थी।
27 सितंबर, 2014 तक जयललिता के लिए सबकुछ ठीक-ठाक था। उन्होंने 2011 में राज्य विधानसभा चुनाव में 234 में से 217 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था और तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी थीं।
यही नहीं, मुल्लापेरियार बांध के जलस्तर के मुद्दे को लेकर केरल के खिलाफ भी तमिलनाडु सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा जीता था।
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