भाजपा नेता विनय कटियार ने कहा, दिल्ली की जामा मस्जिद जमुना देवी का मंदिर था
कटियार ने कहा कि औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ और मथुरा का मंदिर तोड़ा था। अभी जहां जामा मस्जिद है वहां पहले जमुना देवी का मंदिर था। अगर लोग अयोध्या विवाद सुनवाई में अड़चन डालेंगे तो हम 6,500 मुस्लिम स्थलों पर डेरा डाल देंगे।
नई दिल्ली: राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टालने की मांग कर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने गुजरात में पहले चरण की वोटिंग के प्रचार के आखिरी दौर में भाजपा के हाथ एक ऐसा मुद्दा दे दिया है जिसका इस्तेमाल पार्टी प्रवक्ताओं से लेकर पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री तक जमकर कर रहे हैं। इसी मुद्दे पर भाजपा नेता विनय कटियार ने भी कांग्रेस पर हमला कर दिया है। विनय कटियार ने कांग्रेस नेताओं को बाबर, शाहजहां और औरंगजेब की औलाद तक बता दिया है।
कटियार का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर इस पूरे मामले में अड़ंगा डाल रही हैं। वह चाहती है कि यह विवाद बना रहे इसलिए कपिल सिब्बल ने यह कहा है कि 2019 के बाद इसकी सुनवाई हो। यह सब औरंगजेब, बाबर और शाहजहां की औलाद हैं। वहीं, कटियार ने ये भी कहा कि, दिल्ली का जामा मस्जिद जमुना देवी का मंदिर था।
कटियार ने कहा कि औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ और मथुरा का मंदिर तोड़ा था। अभी जहां जामा मस्जिद है वहां पहले जमुना देवी का मंदिर था। अगर लोग अयोध्या विवाद सुनवाई में अड़चन डालेंगे तो हम 6,500 मुस्लिम स्थलों पर डेरा डाल देंगे।
अहमदाबाद के धांधुका में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कि मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल अयोध्या विवाद में मुस्लिम समुदाय की ओर से पैरवी कर रहे हैं। लेकिन वह कैसे सुप्रीम कोर्ट से कह सकते हैं कि अगले चुनाव तक इसका हल ना निकालें। इस मुद्दे का लोकसभा चुनाव से भला कैसे कोई कनेक्शन है? क्या आप (कांग्रेस) चुनाव के लिए राम मंदिर को लटकाना चाहते हैं?
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर कपिल सिब्बल ने इसकी सुनवाई अगले आम चुनाव के बाद जुलाई 2019 में कराए जाने की दलील दी थी। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में जन भावनाओं के विपरीत दलील देकर खुद के साथ अपनी पार्टी को भी मुश्किल में डाला दिया है। जब कपिल सिब्बल की दलील से भाजपा नेता उन पर हमलावर हुए और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी उनकी दलील से असहमति जताई तो सिब्बल ने सफाई दी कि वह तो इस बोर्ड के वकील हैं ही नहीं, लेकिन अदालती दस्तावेज यही कह रहे हैं कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड के ही वकील हैं।
इंडिया टीवी के पास वो एक्सक्लूसिव डॉक्यूमेंट हैं जिससे ये साफ पता चल रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए थे। इंडिया टीवी को सुप्रीम कोर्ट का एपीयरेंस स्लीप मिला है जिसमें साफ तौर से कपिल सिब्बल का नाम सबसे ऊपर है।