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Hindi News भारत राजनीति आखिर क्यों जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति के बजाय लगता है राज्यपाल शासन

आखिर क्यों जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति के बजाय लगता है राज्यपाल शासन

जम्मू-कश्मीर में बीते मंगलवार बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यपाल को शासन को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद राज्यपाल एन . एन . वोहरा ने राष्ट्रपति को भेजे गये एक पत्र में राज्य में केन्द्र का शासन लागू करने की सिफारिश की थी।

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नयी दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में बीते मंगलवार बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यपाल को शासन को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद राज्यपाल एन . एन . वोहरा ने राष्ट्रपति को भेजे गये एक पत्र में राज्य में केन्द्र का शासन लागू करने की सिफारिश की थी। इसकी एक प्रति केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजी गयी थी। राष्ट्रपति ने वोहरा कि सिफारिश को मंजूरी दे दी है , जिसके बाद आज तत्काल प्रभाव से प्रदेश में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है।  यूं तो, भारत के अन्य राज्यों में प्रदेश की सरकार के विफल रहने पर राष्ट्रपति शासन लागू होता है लेकिन जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल का शासन लगाया जाता है। जम्मू - कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्य में छह माह के लिए राज्यपाल शासन लागू किया जाता है लेकिन ऐसा राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही हो सकता है।

भारत का संविधान जम्मू - कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है और यह देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसके पास अलग संविधान और नियम हैं। देश के अन्य राज्यों में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है।

राज्यपाल शासन के अंतर्गत राज्य विधानसभा या तो निलंबित रहती है या उसे भंग कर दिया जाता है। अगर छह माह के भीतर राज्य में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाती है तो इस व्यवस्था की मियाद को बढ़ाया जा सकता है।

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