नई दिल्ली: आयकर विभाग ने 1,000 करोड़ रुपये के जमीन सौदों के मामले की अपनी जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र और पुत्रियों सहित उनके परिवार के 6 लोगों के खिलाफ नए और कड़े बेनामी संपति रोधक कानून के तहत कार्वाई शुरू की है। विभाग ने लालू की सांसद बेटी मीसा भारती, दामाद शैलेश कुमार, पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पुत्रियों चंदा एवं रागिनी यादव को उनकी संपत्तियां कुर्क करने का नोटिस भेजा है।
यह एक अस्थाई कुर्की आदेश है जिसे बेनामी लेन-देन निषेध कानून-2016 की धारा 24-3 के तहत जारी किया गया है। इस धारा के तहत यदि आयकर अधिकारी को लगता है कि किसी व्यक्ति के पास बेनामी संपत्ति है तो वह उस संपत्ति को उसके कब्जे से अलग कर सकता है। लालू के परिजनों की पहचान कथित बेनामी संपत्तियों के लाभार्थियों के तौर पर की गई है। यह कानून 1988 में बना था, लेकिन इसे पिछले साल एक नवंबर से ही लागू किया गया। इस कानून के तहत उल्लंघन करने वालों को 7 साल तक के सश्रम कारावास की सजा मिल सकती है और उस पर संपत्ति के उचित बाजार मूल्य के 25 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
विभाग ने दिल्ली और पटना में कई अचल परिसंपत्तियां कुर्क की हैं। इनमें एक दर्जन प्लॉट और इमारतें शामिल हैं। जिसमें दिल्ली के पालम विहार इलाके में एक फॉर्महाउस तथा जमीन, दक्षिण दिल्ली की पॉश न्यू फ्रेंड्स कालोनी में आवासीय इमारत, पटना के फुलवारी शरीफ क्षेत्र में 9 प्लॉट शामिल हैं। इन संपत्तियों का बैनामा मूल्य 9.32 करोड़ रुपये है, हालांकि टैक्स अधिकारियों के अनुसार इन संपत्तियों का मौजूदा बाजार मूल्य 170 से 180 करोड़ रुपये है। पटना के फुलवारी शरीफ में कुल 9 प्लाट कुर्क किए गए हैं। इन पर एक मॉल भी बनाया जा रहा है। इस मामले में विभाग ने पिछले महीने देशभर में छापेमारी की थी।
क्या कहा तेजस्वी यादव ने?
पटना में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि राजनीतिक द्वेष की वजह से ये अफवाहें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताते हुए खारिज कर दिया। इस आदेश में कई कंपनियों मैसस मिशाली पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लि, एबी एक्सपोटर्स प्राइवेट लि, डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लि और ए के इन्फोसिस्टम प्राइवेट लि. की पहचान बेनामीदार के रूप में की गई है।
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