श्रीनगर: कश्मीर में आतंकी संगठन आईएसआईएस और पाकिस्तानी झंडे बार-बार लहराए जाने पर नैशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि यह उन युवकों के गुस्से और हताशा का इजहार है, जो राष्ट्र को जगाना चाहते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हममें से कोई भी उस बारे में चिंतित नहीं हैं और इनके पास ऐसे झंडे लहराए जाने के अलावा खुद को जाहिर करने का कोई रास्ता नहीं है।
अब्दुल्ला ने कहा, 'दरअसल, यह युवाओं में हताशा और गुस्सा है। उनके लिए कुछ नहीं किया जा रहा। वे इन झंडों को लहराने के अलावा किसी और तरीके से अपने गुस्से का इजहार नहीं कर सकते।'
कश्मीर में प्रदर्शन के दौरान आईएसआईएस और अन्य विवादास्पद झंडे अक्सर लहराए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह बात कही।
फारूक ने कहा, 'वे (युवा) राष्ट्र को जगाना चाहते हैं, ताकि वह हमारे बारे में सोचे। हममें से कोई उनके बारे में चिंतित नहीं है। यह इसकी विडंबना है।'
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मुख्यधारा में लड़कों को वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है। आपको देखना होगा क्या चीज उन्हें चुभ रही है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा कभी नहीं बदल सकती।
उन्होंने कहा, 'वे (आतंकवादी) टावरों पर हमला कर रहे हैं। क्या आपको लगता है कि इससे कुछ बदलेगा। मैं बिल्कुल स्पष्ट हूं कि आप चाहे जो कुछ कर लें, सीमा नहीं बदलेगी। सीमा नहीं बदलने जा रही।'
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए उन्होंने पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंधों की हिमायत की।
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