मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में वीर सावरकर को लेकर की गई शिवसेना सांसद संजय राउत की टिप्पणी से भूचाल आया हुआ है। सूबे के लोक निर्माण मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने शनिवार को शिवसेना से पूछा कि विनायक दामोदर सावरकर को लेकर की गई शिवसेना सांसद संजय राउत की टिप्पणी ही क्या पार्टी का आधिकारिक पक्ष है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुद्दे पर कांग्रेस का पक्ष साफ है लेकिन यह साफ नहीं है कि राउत का बयान शिवसेना का पक्ष है या नहीं।
गौरतलब है कि इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि सावरकर के विरोधियों को अंडमान सेलुलर जेल (भूतपूर्व) में 2 दिन बिताने चाहिए ताकि वे समझ सकें कि अंग्रेजों ने उनके लिए किस तरह की कठिनाइयां पैदा की थीं। राउत के इस बयान के कुछ घंटों के भीतर ही कांग्रेस ने इस पर पलटवार किया। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने ट्वीट किया कि सावरकर 1911 से पहले कुछ और थे और कांग्रेस 1923 के बाद की उनकी विचारधारा के खिलाफ है।
राउत के बयान पर उपजे विवाद के बीच अशोक चव्हाण ने कहा कि यह साफ करने की जरूरत है कि क्या राउत का बयान ही शिवसेना का आधिकारिक रुख है। चव्हाण ने कहा कि आदित्य ठाकरे राउत की टिप्पणी पर पहले ही प्रतिक्रिया दे चुके हैं कि वह इस बात से अनभिज्ञ हैं कि किस क्षमता में राउत ने ये टिप्पणियां कीं। महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि किसी की निजी टिप्पणी सरकार का पक्ष नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि शिवसेना, NCP और कांग्रेस की गठबंधन सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर काम करती है और सभी पार्टियां उस पर अडिग हैं। (भाषा)
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