राहुल की नागरिकता पर स्वामी ने उठाया सवाल, गृह मंत्रालय ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब, प्रियंका गांधी ने रखा पक्ष
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता पर उठ रहे सवालों पर नोटिस जारी करके उनसे जवाब मांगा है।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता पर उठ रहे सवालों पर नोटिस जारी करके उनसे जवाब मांगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की चिट्ठी के बाद राहुल को नोटिस जारी किया है और 14 दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा है। आपको बता दें कि स्वामी ने अपनी चिट्ठी में राहुल के ब्रिटिश नागरिक होने का दावा किया है। इसके पहले अमेठी से चुनाव लड़ रहे एक निर्दलीय ने भी राहुल की नागरिकता पर सवाल उठाए थे।
कुछ दिन पहले लोकसभा चुनाव में अमेठी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं ध्रुव लाल ने रिटर्निंग ऑफिसर से शिकायत की थी कि राहुल ने ब्रिटिश नागरिकता ने ली थी और इसलिए उनका नामांकन रद्द किया जाए। शिकायतकर्ता ध्रुव राज के वकील रवि प्रकाश ने दावा किया था कि उनके पास ऐसे दस्तावेज हैं, जिन से यह पता चलता है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक थे। हालांकि बाद में निर्वाचन अधिकारी ने राहुल के नामांकन की जांच कर इसे वैध करार दिया था।
वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी गृह मंत्रालय को राहुल की नागरिकता के खिलाफ दो बार पत्र लिख चुके हैं। स्वामी ने 21 सितंबर 2017 को भी इस बारे में एक शिकायत की थी। इसके बाद उन्होंने 29 अप्रैल 2019 को भी एक चिट्ठी लिखी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बारे में बात करते हुए कहा, 'जब भी कोई संसद सदस्य किसी भी मंत्रालय को पत्र लिखता है, तो उसके सवालों पर ऐक्शन लिया जाता है। यह कोई बड़ी बात नहीं है, एक सामान्य प्रक्रिया है।'
गृह मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कांग्रेस ने राहुल को जन्मजात भारतीय नागरिक बताया है। राहुल की नागरिकता पर उठे सवालों पर बोलते हुए उनकी बहन एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने कहा है कि उनके भाई यहीं पैदा हुए हैं और उनकी परवरिश यही हुई है, मैंने इतनी बड़ी बकवास कभी नहीं सुनी।
इस मुद्दे पर बात करते हुए पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘पूरी दुनिया जानती है कि राहुल जन्मजात भारतीय नागरिक हैं। मोदी जी के पास बेरोजगारी, कृषि संकट और कालेधन के मुद्दों पर कोई जवाब नहीं है। ऐसे में वह ध्यान भटकाने के लिए अपनी सरकार के माध्यम से फर्जी विमर्श गढ़ रहे हैं।’