नई दिल्ली: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर पर छिड़े सियासी संग्राम के बीच उनके पोते रणजीत सावरकर ने बड़ा बयान दिया है। रणजीत ने कहा है कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी वीर सावरकर की अनुयायी थीं, क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान को घुटनों के बल ला दिया और परमाणु परीक्षण किया। साथ ही एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बयानों पर रणजीत ने कहा कि लोकसभा सांसद को सावरकर से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सावरकर से ज्यादा धर्मनिरपेक्ष आदमी नहीं खोजा जा सकता।
आपको बता दें कि सावरकर के नाम पर इन दिनों सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। बीजेपी ने जहां महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के अपने घोषणा पत्र में उन्हें ‘भारत रत्न’ देने मांग की है, वहीं कांग्रेस ने इसकी निंदा की है। इसी सियासी बवाल के बीच रणजीत ने कहा, 'इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर को सम्मानित किया, मुझे लगता है कि वह उनकी अनुयायी थीं क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया, सेना और विदेशी संबंधों को मजबूत किया और परमाणु परीक्षण भी किया। यह नेहरू और गांधी की फिलॉसफी के खिलाफ है।'
वहीं, सावरकर पर ओवैसी की टिप्पणी पर रणजीत ने कहा, 'ओवैसी को सावरकर के इस विश्वास का पालन करना चाहिए कि धर्म को अपने घर में रखें। जब आप बाहर निकलें तो आप हिंदू या मुसलमान नहीं हैं, लेकिन भारतीय हैं। सावरकर चाहते थे कि जो भी संसद में प्रवेश करे वो जाति, धर्म, लिंग आदि को बाहर रखे। आप सावरकर से ज्यादा धर्मनिरपेक्ष आदमी नहीं खोज पाएंगे।' दरअसल, सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की बीजेपी की मांग पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया था।
ओवैसी ने सावरकर को भारत रत्न संबंधी महाराष्ट्र बीजेपी की एक मीडिया खबर को टैग करते हुए ट्विटर पर कहा था, ‘इस अनमोल रत्न के बारे में कुछ ज्ञान: 1.महात्मा गांधी की हत्या के आरोप में जीवन लाल कमीशन द्वारा आरोपित। 2.राजनीतिक हथियार के रूप में बलात्कार के इस्तेमाल की वकालत की। 3.राजनीतिक हथियार के रूप में बलात्कार का इस्तेमाल नहीं करने के लिए छत्रपति शिवाजी की आलोचना की। 4.खुद को अंग्रेजों का ‘सबसे आज्ञाकारी नौकर’ कहा।
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