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कश्मीर मामले पर महबूबा की केंद्र को चेतावनी, कहा-अब मामला आर पार का हो चुका है

जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में कुछ संभावित बड़े फैसले को लेकर घाटी में बढ़ती अटकलों के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि अब मामला आर पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बजाय जमीन को तरजीह दी है।

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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में कुछ संभावित बड़े फैसले को लेकर घाटी में बढ़ती अटकलों के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि अब मामला आर पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बजाय जमीन को तरजीह दी है। पीडीपी अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘आप एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के प्यार को जीतने में नाकाम रहे, जिसने धार्मिक आधार पर विभेद को खारिज किया और धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना। अब मामला आर पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बदले जमीन को तरजीह दी है।’’ 

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिये जो कुछ भी बाकी बचा है, उसे भारत, जम्मू कश्मीर की जनता से बलपूर्वक छीनने की तैयारी में है। उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा, ‘‘मुफ्ती (मोहम्मद सईद) साहब हमेशा कहा करते थे कि कश्मीरियों को जो कुछ भी मिलेगा वह उनके अपने देश भारत से मिलेगा लेकिन आज ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिये उनके पास जो कुछ भी बचा था, यही देश उनसे वह बलपूर्वक छीनने की तैयारी कर रहा है।’’ 

इससे पूर्व, पूर्व मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कश्मीर का इस्तेमाल नहीं होगा। कई जगहों पर यातायात जाम के बीच महबूबा ने कहा,‘‘श्रीनगर की सड़कों पर एकदम अराजकता है। लोग एटीएम, पेट्रोल पंपों की ओर दौड़ रहे हैं, घरों में जरूरी सामान भर रहे हैं। क्या भारत सरकार केवल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए चिंतित है और कश्मीरियों को उनके हालात पर अकेला छोड़ दिया गया है?’’

इन सब के बीच महबूबा देर रात फारुक अबदुल्ला से मिलने पहुंच गई। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन और जेकेपीएम के अध्यक्ष शाह फैसल भी बैठक में शामिल हुए। फिर आनन फानन में ये सभी राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मिले और पूछा आखिर कश्मीर में क्या हो रहा है? मुलाकात में राज्यपाल मलिक ने साफ कहा कि सेना के जवानों की तैनाती आतंकी हमलों के अलर्ट के मद्देनज़र उठाया गया कदम है। साथ ही ये भी अपील की है कि राजनीतिक दल अफवाहों पर ध्यान ना दें।

बता दें कि सेना ने शुक्रवार को खुफिया जानकारियों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी, कश्मीर घाटी में अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसके तुरंत बाद, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यात्रियों और पर्यटकों से घाटी की अपनी यात्रा में ‘‘कटौती करने’’ तथा तुरंत वापस जाने को कहा। यात्रा मार्ग से हथियार और विस्फोटक बरामद होने की सूचना देते हुए सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बल तीर्थयात्रियों पर हमले के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं।

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