नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में भारत-चीन एलएसी विवाद पर कहा कि एलएसी के मुद्दों पर चीन जिम्मेदारी दिखाए। साथ उन्होंने जोर देकर कहा कि हम देश का मस्तक झुकने नहीं देंगे, न हम किसी का मस्तक झुकाना चाहते हैं। रक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा कि चीन किसी भी द्वपक्षीय समझौते को मानने को तैयार नहीं है। चीन ने 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन किया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सेना मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सदन इस बात से अवगत है कि भारत और चीन सीमा का प्रश्न अभी तक अनसुलझा है। भारत और चीन की बाउंड्री का कस्टमरी और ट्रेडिशनल अलाइनमेंट चीन नहीं मानता है। यह सीमा रेखा अच्छे से स्थापित भौगोलिक सिद्धांतों पर आधारित है।
राजनाथ सिंह ने कहा, 'चीन मानता है कि बाउंड्री अभी भी औपचारिक तरीके से निर्धारित नहीं है। उसका मानना है कि हिस्टोरिक्ल जुरिस्डिक्शन के आधार पर जो ट्रेडिश्नल कस्टमरी लाइन है उसके बारे में दोनों देशों की अलग व्याख्या है। 1950-60 के दशक में इस पर बातचीत हो रही थी पर कोई समाधान नहीं निकला।'
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