नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन के बीच नई दिल्ली में गुरुवार को द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इसमें रक्षा सहयोग को लेकर एक समझौता ज्ञापन (MOU) भी शामिल है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, ‘MOU का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है। यह सहयोग प्रशिक्षण, रक्षा उद्योग, आतंक के खिलाफ, सैन्य अध्ययन, साइबर सुरक्षा, सैन्य मेडिकल सेवा व शांति मिशनों जैसे मान्यता प्राप्त क्षेत्रों में किया जाएगा।’
दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में भी MOU पर हस्ताक्षर किया गया। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारत और जॉर्डन की संबंधित विधायी व्यवस्थाओं तथा नियमन प्रावधान के अनुसार समानता और पारस्परिक लाभ के आधार पर स्वास्थ्य, चिकित्सा विज्ञान, चिकित्सा शिक्षा तथा अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग स्थापित और प्रोत्साहित करना है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में यूनिसर्वल हेल्थ कवरेज, आईटी, स्वास्थ्य अध्ययन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सांख्यिकी, टीबी के लिए चिकित्सा, दवा उद्योग व उपकरणों के नियमन व अन्य क्षेत्रों की पहचान की गई।
इसके अलावा दोनों देशों के बीच श्रमशक्ति सहयोग को लेकर समझौता हुआ है। इस समझौता ज्ञापन में जॉर्डन में भारतीय नागरिकों के संविदा रोजगार के प्रशासन में श्रेष्ठ व्यवहारों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत और जॉर्डन के बीच सहयोग का प्रावधान है। जॉर्डन में अगली पीढ़ी के उत्कृष्टता केन्द्र (COE) की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इसका उद्देश्य 5 वर्षों में जॉर्डन के कम से कम 3000 IT पेशेवरों के प्रशिक्षण के लिए जॉर्डन में अगली पीढ़ी के COE स्थापित करना है। इसके अलावा रॉक फॉस्फेट तथा उर्वरक/NPK की दीर्घकालीक सप्लाई समेत अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
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