नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में बवाल मचा हुआ है। कई ऐसे राज्य हैं जो इसे लागू करने से इनकार कर रहे हैं और केरल इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। हालांकि इस कानून का विरोध कर रही कांग्रेस के 2 वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि संसद से पास हुए कानून को लागू न करना असंवैधानिक है और राज्यों के लिए ऐसा करना मुश्किल भी होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए विपक्ष को संविधान याद दिलाया है।
‘...तो संविधान का पालन करना होगा’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बारे में बात करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि जब तक ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देता है, तब तक संविधान का पालन करना होगा अन्यथा इसके दुष्परिणाम होंगे।, ‘संवैधानिक रूप से राज्य सरकार के लिए यह कहना मुश्किल होगा कि 'मैं संसद द्वारा पारित कानून का पालन नहीं करूंगा।' यदि सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता है तो यह कानून प्रभाव में रहेगा। अगर कोई चीज कानून की किताब में है तो आपको उसका पालन करना ही होगा वर्ना इसके दुष्परिणाम सामने आएंगे।’ खुर्शीद मीडिया द्वारा सिब्बल के बयान पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा’ खुर्शीद ने कहा, ‘यदि राज्य और केंद्र सरकार के बीच किसी कानून को लेकर मतभेद होते हैं, जैसा कि
नागरिकता संशोधन कानून पर हैं तो फिर अंतिम निर्णय के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा। आखिरी फैसला सुप्रीम कोर्ट ही लेगा और तब तक कोई भी चीज प्रोविजनल और तात्कालिक ही होगी।’ खुर्शीद से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता
कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा था कि राज्यों के लिए संसद से पारित कानून को लागू करने से इनकार करना मुश्किल होगा। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट करते हुए CAA को ही असंवैधानिक बता दिया था।
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