बालाकोट हमला: विपक्ष द्वारा सबूत मांगे जाने पर वीके सिंह का जवाब- मच्छर मारकर गिनने बैठूं?
पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमले पर भारत में राजनीति शुरू हो गई है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमले पर भारत में राजनीति शुरू हो गई है। एक तरफ जहां विपक्षी दल मारे गए आतंकियों की संख्या और जगह के बारे में सबूतों की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ सत्ता पक्ष उनके ऊपर सेना की क्षमता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने का आरोप लगा रही है। हवाई हमलों में मारे गए आतंकियों की संख्या का सबूत मांग रहे विपक्ष को केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने जवाब दिया है।
वीके सिंह ने मंगलवार को कहा था कि एक अनुमान के मुताबिक इस आतंकी हमले में लगभग 250 सैनिक मारे गए हैं। वहीं, बुधवार की सुबह एक ट्वीट के जरिए वीके सिंह ने कहा, ‘रात 3.30 बजे मच्छर बहुत थे, तो मैंने HIT मारा। अब मच्छर कितने मारे, यह गिनने बैठूं, या आराम से सो जाऊं?’ आपको बता दें कि बालाकोट के हवाई मामले में मारे गए आतंकियों की पुख्ता संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं है, लेकिन इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक घटना के वक्त जैश के कैंप में करीब 300 मोबाइल फोन सक्रिय थे।
वहीं मंगलवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पहले तो पुलवामा आतंकी हमले को ‘दुर्घटना’ करार दिया, लेकिन विवाद गहराने पर उन्होंने सफाई भी पेश की। दिग्विजय ने कहा, ‘इसमें किसी को कोई शक नहीं है कि यह आतंकी हमला था, लेकिन ‘मोदी जी की ट्रोल आर्मी’ मूल प्रश्नों के उत्तर देने से इनकार कर रही है।’ वहीं, हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी आपकी सरकार के कुछ मंत्री कहते हैं 300 आतंकवादी मारे गये। भाजपा अध्यक्ष कहते हैं 250 मारे हैं, योगी आदित्यनाथ कहते हैं 400 मारे गये और आपके मंत्री एसएस अहलूवालिया कहते हैं एक भी नहीं मरा। आप इस विषय में मौन हैं। देश जानना चाहता है कि इसमें झूठा कौन है।’
बुधवार को दिग्विजय ने इस मामले पर फिर अपनी बात रखी और कहा कि बीजेपी के नेता पुलवामा को ‘दुर्घटना’ कहे जाने के बाद से मुझे ‘देशद्रोही’ करार दे रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी को ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘मेरे जिस ट्वीट पर आप व आपके मंत्री गण मुझे पाकिस्तान समर्थक मानते हैं देशद्रोही मानते हैं वह मैंने दिल्ली से किया था जहॉं की पुलिस केंद्र सरकार के अन्तर्गत आती है। अगर आप में साहस है तो मेरे ऊपर मुकदमा दायर करें।’ (भाषा)