नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल नागरिकता संशोधन कानून पर शनिवार को दिए अपने बयान से पलट गए हैं। सिब्बल ने रविवार को ट्वीट करके CAA को ही असंवैधानिक बता दिया। इससे पहले उन्होंने शनिवार को कहा था कि संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने से कोई राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता। सिब्बल ने कहा कि ऐसा करना असंवैधानिक होगा। सिब्बल ने कहा था, ‘जब CAA पारित हो चुका है तो कोई भी राज्य यह नहीं कह सकता कि मैं उसे लागू नहीं करूंगा। यह संभव नहीं है और असंवैधानिक है।’
‘मेरा मानना है कि सीएए असंवैधानिक है’
सिब्बल ने रविवार को ट्वीट किया, 'मेरा मानना है कि सीएए असंवैधानिक है। प्रत्येक राज्य की विधानसभा को इस बारे में प्रस्ताव पारित करने और इसे वापस लेने की मांग करने का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन यदि सुप्रीम कोर्ट कभी भी इस कानून को संवैधानिक घोषित कर देता है तो इसका विरोध मुश्किलें खड़ी कर सकता है। लड़ाई जारी रहनी ही चाहिए!' हालांकि शनिवार को भी सिब्बल ने कहा था कि राज्य इस कानून का विरोध कर सकते हैं, विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और कानून वापस लेने की मांग भी कर सकते हैं।
‘आप कानून का विरोध कर सकते हैं लेकिन...’ सिब्बल ने कहा, ‘आप उसका विरोध कर सकते हैं, विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और केंद्र सरकार से (कानून) वापस लेने की मांग कर सकते हैं। लेकिन संवैधानिक रूप से यह कहना कि मैं इसे लागू नहीं करूंगा, अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है।’ केरल सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने CAA के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) का विरोध किया है।
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