नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सपा नेता आजम खान ने भारतीय सेना पर दिए गए विवादित बयान पर बवाल के बाद सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया जा रहा है। वह बोले कि उन्होंने सेना पर कोई आरोप नहीं लगाया है। आजम खान ने रामपुर में एक कार्यक्रम के दौरान सुकमा में हुए नक्सली हमले पर सुरक्षाबलों पर टिप्पणी की थी, उनका वीडियो मीडिया में आने के बाद विवाद खड़ा हो गया। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
आजम खान ने अपने बचाव में कहा, 'मैंने सेना पर बलात्कार का आरोप नहीं लगाया है। मेरे बयान को गलत तरीके से लिया गया। मैं फासीवादी ताकतों का आइटम गर्ल बन गया हूं। भाजपा के लिए मैं नफरत का एजेंडा हूं। मेरे खिलाफ नफरत फैलाकर भाजपा को वोट मिलते हैं। मुझसे प्यार कीजिए, नफरत मत कीजिए। मैं बच्चों को पढ़ाता हूं, यूनिवर्सिटी चलाता हूं। मैंने मेडिकल कॉलेज बनाया है। छोटे घर में रहता हूं। मैंने वहीं बयान में कहा, जो अखबारों को न्यूज चैनलों पर प्रसारित हुआ था।'
बता दें कि आज़म खान ने कहा था कि, 'दहशतगर्द फौज के प्राइवेट पार्ट्स काटकर साथ ले गए। उन्हें हाथ से शिकायत नहीं थी। सिर से नहीं थी। पैर से नहीं थी। जिस्म के जिस हिस्से से उन्हें शिकायत थी, वे उसे काटकर ले गए। इतना बड़ा संदेश है, जिसपर पूरे हिंदुस्तान को शर्मिंदा होना चाहिए और सोचना चाहिए कि हम दुनिया को क्या मुंह दिखाएंगे?'
आजम खान ने यह आरोप रामपुर में एक कार्यक्रम के दौरान लगाए। उनकी वीडियो मीडिया में आने के बाद विवाद खड़ा हो गया। मामला सेना से जुड़ा होने के कारण सपा नेता भी आजम के इस बयान से किनारा करते दिख रहे हैं।
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