नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा की गई अपनी आलोचना पर अब हिंदू महासभा ने भी पलटवार किया है। हिंदू महासभा ने ममता बनर्जी को बौद्धिक रूप से दिवालिया करार देते हुए कहा कि ‘मोदी सरकार से लड़ाई का यह घटिया स्तर है।’ गौरतलब है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती मनाने के लिए गुरुवार को उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए ममता ने कहा था कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 12 मई, 1940 को एक सार्वजनिक बैठक के दौरान हिंदू महासभा का विरोध किया था।
‘इतनी हिम्मत कि लाजपत राय की हिंदू महासभा की छवि मलिन करेंगी?’
ममता बनर्जी के इस बयान पर पलटवार करते हुए हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा, ‘वास्तविकता यह है कि हिंदू महासभा और वीर सावरकर ने सहायक के तौर पर नेताजी से आजाद फौज की स्थापना करने का आग्रह किया था। हम दोनों ने ही इस राष्ट्र के लिए एक प्रेम साझा किया।’ममता बनर्जी पर बरसते हुए स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि उनका स्तर नीचे चला गया है। चक्रपाणि ने सवाल किया, ‘इतनी हिम्मत कि वह लाला लाजपत राय की हिंदू महासभा की छवि मलिन करेंगी? ’
‘नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था’
बता दें कि नेताजी की जयंती के अवसर पर ममता ने हिंदू महासभा पर जोरदार तरीके से हमला बोला था। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता ने दार्जिलिंग मॉल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था। ये विचार आज बहुत प्रासंगिक हैं। उन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष भारत, एक अखंड भारत के लिए लड़ाई लड़ी थी, लेकिन अब धर्मनिरपेक्षता का पालन करने वालों को बाहर करने की कोशिश की जा रही है।’
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