नई दिल्ली: राज्यसभा में आज तीन तलाक बिल पर बहस के दौरान केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन के बीच तीखी बहस हो गई। दोनों सदन में एक-दूसरे पर जोर-जोर से बोलते नजर आए। दरअसल सरकार की कोशिश थी कि वह बिल को बिना सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे पास करा ले। हालांकि विपक्षी दल बिल की कमियों को दूर करने लिए सेलेक्ट कमेटी में भेजने पर अड़े रहे।
पक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच हुई तीखी बहस में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और सीपीएम डेरेक ओ ब्रायन एक-दूसरे से उलझ पड़े। डेरेक का कहना था कि इस मामले से सरकार की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष महिलाओं को सशक्त करना चाहता है और सरकार ऐसा नहीं चाहती है। इसलिए वह बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास नहीं भेज रही है। इससे सरकार की पोल खुल गई है।डेरेक के इस बयान के जवाब में स्मृति ईरानी बोली कि ऐसा नहीं है, अगर आप वाकई महिलाओं को सशक्त करना चाहते हैं तो इस पर बहस कीजिए। हालांकि दोनों पक्षों के सदस्यों के हंगामे के चलते सदन आगे नहीं चल सका।
इससे पहले कांग्रेस के आनंद शर्मा तथा तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर रॉय द्वारा विधेयक पर दो संशोधन प्रस्तावों पर नेता सदन अरुण जेटली ने आपत्ति दर्ज की। इस पर विपक्ष विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के प्रस्ताव पर मत विभाजन की मांग पर अड़ा रहा। इससे पहले जेटली ने सदन संचालन संबंधी नियमों के हवाले से कहा कि किसी भी संशोधन प्रस्ताव को पेश करने से एक दिन पहले इसका नोटिस देना अनिवार्य है। विपक्षी सदस्यों ने तीन तलाक विधेयक पर मतविभाजन की मांग उठाते हुये हंगामा शुरू कर दिया। सदन की गहमागहमी और हंगामे को देखते हुये उपसभापति ने शाम पांच बजकर 45 मिनट पर सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिये स्थगित कर दिया।
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