हेल्थ वेलफेयर स्कीम से गरीबों को नहीं प्राइवेट अस्पतालों को फायदा पहुंचेगा: असदुद्दीन ओवैसी
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट देश के लोगों की उम्मीदों के मुताबिक नहीं है...
नई दिल्ली: AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट देश के लोगों की उम्मीदों के मुताबिक नहीं है। यह हुकूमत हर पैमाने पर नाकाम साबित हुई है। इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम ‘संवाद बजट 2018’ में बजट के बारे में अपनी राय रखी और तमाम अन्य मुद्दों पर बात की। ओवैसी ने यह भी कहा कि गुजरात के सौराष्ट्र में हारने के बाद बीजेपी को होश आया कि गांवों और गरीबों के लिए कुछ किया जाए, जबकि मिडिल क्लास के लिए कुछ खास नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार की हर नीति में विरोधाभास है। बीजेपी संवाद सुधांशु त्रिवेदी ने इन तमाम मुद्दों पर ओवैसी को जवाब दिया।
केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के हेल्थ इंश्योरेंस की योजना पर बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए फंड की बात ही नहीं कही है। ओवैसी ने कहा, 'बजट के डॉक्युमेंट में इस योजना के लिए एक पैसा अलॉट नहीं किया है। यह स्कीम दो साल पहले ही लागू हो चुकी है। इसके बारे में सोचने में ही सरकार को 6 महीने लग जाएंगे। यह पब्लिक हेल्थ सिस्टम को बर्बाद कर देगा। इस तरह की स्कीम जहां-जहां लागू हुई है वहां बर्बादी ही आई है। इसका फायदा प्राइवेट अस्पतालों को होगा।'
बजट पर बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि वित्तमंत्री ने अपने पूरे भाषण के दौरान एक बार भी माइनॉरिटी शब्द का जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि माइनॉरिटी के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं रहा। माइनॉरिटीज के लिए बजट बढ़ाने की बात पर ओवैसी ने कहा कि ऐसा हज सब्सिडी को अल्पसंख्यकों के लिए लाए गए बजट में ट्रांसफर करने के चलते हुआ है। ‘पान’ वाले बयान पर ओवैसी ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद की ‘धर्म संसद’ में जब कुछ ऐसा ऐलान किया जाता है तो कोई कुछ नहीं कहता, लेकिन हम कुछ भी बोल दें तो खबर बन जाती है।
बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने असदुद्दीन ओवैसी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि सरकार बजट में की गई घोषणाओं को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पहले भी तमाम कठिन योजनाओं को लागू करके दिखाया है और इस बजट की घोषणाओं को भी लागू करेगी। साथ ही विपक्ष पर हमला बोलते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हम अन्य लोगों की तरह खौफ की राजनीति नहीं करते।