पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना में कहा कि वे किसी भी गठबंधन के साथ रहें परंतु उनकी मूल अवधारणा में परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्होंने दो टूक कहा कि वे भ्रष्टाचार और समाज को तोड़ने व विभाजित करने वाली नीति से समझौता नहीं कर सकते। पटना में उन्होंने कई मामलों को लेकर बिना किसी का नाम लिए इशारों ही इशारों में विपक्षियों पर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की अपनी मांग पर खुलकर बात की।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को हम लोगों ने एक दिन के लिए भी नहीं छोड़ा है। उन्होंने इस मांग को 10 साल पुरानी मांग बताते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर तंज कसते हुए कहा, ‘जो लोग आज तक कभी इसकी चर्चा तक नहीं करते थे, वे भी आज मुझसे विशेष राज्य के दर्जे को लेकर प्रश्न पूछते हैं। आंध्र प्रदेश के लिए यह मांग नई हो सकती है परंतु बिहार के लिए यह पुरानी मांग है।’
नीतीश ने स्पष्ट कहा, ‘मैं वोट की नहीं लोगों की चिंता करता हूं। मैं प्रारंभ से ही सामाजिक सद्भाव का पक्षधर रहा हूं। मेरे 12 साल के काम इसका प्रमाण हैं।’ मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि हम लोगों ने 12 सालों में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जो काम किए हैं, इससे पहले यहां कभी नहीं हुए थे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने माना था कि केंद्र सरकार और बीजेपी की अल्पसंख्यक विरोधी खासकर मुस्लिम विरोधी छवि सुधारने की जरूरत है।
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