चंडीगढ़। हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार को आज हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा। लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि विपक्ष सरकार के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है वह सदन में गिर जाएगा। मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि विपक्ष अगर अपने लोगों को भी संभालकर रख लें तो बड़ी बात होगी, उन्होंने कहा कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी - जेजेपी सरकार को किसी तरह की कोई समस्या नहीं है वे पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि अविश्वाश प्रस्ताव गिर जाएगा।
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं और फिलहाल 88 विधायक हैं क्योंकि इंडियन नेशनल लोकदल के एकमात्र विधायक त्यागपत्र दे चुके हैं जबकि एक विधायक को अदालत में दोषी पाया गया है और उनकी भी सदस्यता रद्द हो चुकी है। बाकी बचे 88 विधायकों में से सरकार के साथ 40 विधायक भारतीय जनता पार्टी, 10 विधायक सरकार की सहयोगी जननायक जनता पार्टी और 5 निर्दलीय तथा 2 अन्य दलों के विधायक हैं। मौजूदा स्थिति देखते हुए सरकार को कोई खतरा नहीं लग रहा है क्योंकि सदन में बहुमत प्राप्त करने के लिए 45 विधायकों की जरूरत है। भारतीय जनता पार्टी और जेजेपी ने अपने विधायकों को व्हिप भी जारी कर दिया है।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विजय ने कहा है कि सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है और कांग्रेस के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पहले कांग्रेस पार्टी में विश्वास हालिस करना चाहिए, अनिल विज ने कहा, "पहले तो हुड्डा को कांग्रेस से विश्वास मत हासिल करना चाहिए, उनका आपस में विश्वास नहीं है एक का मुंह लेफ्ट को होता है और एक का राइट को होता है, विश्वास मत के दौरान कांग्रेस चारो खाने चित गिरेगी विधानसभा के अंदर।"
हालांकि सरकार में भाजपा की सहयोगी जेजेपी के कुछ विधायक कृषि कानूनों को लेकर सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए अपने नेताओं पर दबाव भी डाल रहे हैं। जेजेपी विधायक जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए कहा है, उन्होंने कहा है कि गांवों में लोग उनकी पार्टी के नेताओं को घुसने तक नहीं दे रहे हैं।
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