चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस में उस वक्त दरार खुल कर सामने आ गई जब पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख अशोक तंवर को हाल ही में हुए चुनाव में पार्टी की पराजय के लिए नाराजगी झेलनी पड़ी और उन्होंने गुस्से में कहा ,‘‘अगर आप मुझे खत्म करना चाहते हैं तो मुझे गोली मार दीजिए।’’
पार्टी के हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने नई दिल्ली में मंगलवार को एक बैठक बुलाई थी। उस बैठक में मौजूद पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के करीबी विधायकों ने तंवर को निशाना बनाया। विधायकों ने पार्टी के राज्य में लोकसभा की 10 में से एक भी सीट नहीं जीतने पर हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की।
तंवर से गुरुवार को संपर्क किया गया और उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी अध्यक्ष और पार्टी नेतृत्व चाहता है, वह कांग्रेस को मजबूत करने का काम करते रहेंगे। पार्टी के एक नेता ने बताया कि बैठक में राज्य कांग्रेस के सभी 17 विधायकों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा वर्तमान विधायक कुलदीप शर्मा ने करनाल लोकसभा सीट पर खराब प्रदर्शन के लिए तंवर को जिम्मेदार ठहराया। इस पर शर्मा और तंवर के बीच बहस शुरू हो गई।
शर्मा ने तंवर पर हाल ही में करनाल में आयोजित राज्य इकाई की बैठक में उन्हें नहीं बुलाने का आरोप भी लगाया। इस पर तंवर ने कहा कि शर्मा ने उनका फोन ही नहीं उठाया। इस वाद-विवाद के बीच हुड्डा समर्थकों ने राज्य इकाई के नेतृत्व परिवर्तन की मांग की। इस पर आजाद ने उन्हें एकजुट हो कर काम करने की नसीहत दी क्योंकि कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। माना जाता है कि आजाद ने बैठक में कहा कि हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन पर कोई भी फैसला पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी लेंगे।
बैठक में मौजूद एक नेता ने बताया कि अपनी ही पार्टी के लोगों के आरोप-प्रत्यारोप में घिरे तंवर ने कहा,‘‘अगर आप मुझे समाप्त करना चाहते हैं तो मुझे गोली मार दीजिए।’’ हुड्डा के विश्वसनीय विधायक ने आरोप लगाया कि तंवर ने बैठक में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।
तंवर ने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘मैंने अपना संयम नहीं खोया। मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं। मैं पार्टी को मजबूत करने के लिए अपनी पूरी क्षमता लगाता रहा हूं। यद्यपि हम इस बार एक भी सीट नहीं जीत पाए लेकिन हमारा मत प्रतिशत करीब छह प्रतिशत बढ़ा है।’’
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