नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में बुधवार की शाम होने वाले फेरबदल से पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के इस्तीफे पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे यह पता चलता है कि सरकार कोविड महामारी को प्रबंधित करने में विफल रही है। उन्होंने एक बयान में कहा, 'केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य राज्य मंत्री का इस्तीफा एक स्पष्ट स्वीकारोक्ति है कि मोदी सरकार महामारी के प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही है।'
‘इन इस्तीफों में मंत्रियों के लिए एक सबक है’
चिदंबरम ने अपने बयान में आगे कहा, 'इन इस्तीफों में मंत्रियों के लिए एक सबक है। अगर चीजें सही होती हैं, तो इसका श्रेय पीएम को जाएगा और अगर चीजें गलत होती हैं तो मंत्री पतनशील व्यक्ति होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी की कीमत मंत्रियों को चुकानी पड़ी है।' वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने हर्षवर्धन के इस्तीफे पर ट्वीट कर कहा, 'जिस महामारी का प्रबंधन ‘नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी’ के माध्यम से किया जा रहा है, उसके चेयरमैन प्रधानमंत्री स्वयं हैं। क्या वे भी अपने गैर जिम्मेदाराना व्यवहार की जिम्मेदारी लेंगे? इस्तीफा देंगे? या अकेले स्वास्थ्य मंत्री को बलि का बकरा बना अपना पल्ला झाड़ लेंगे?'
फेरबदल के तहत कुल 43 मंत्रियों ने शपथ ली
बता दें कि बुधवार की शाम मोदी सरकार में बड़े फेरबदल के तहत कुल 43 मंत्रियों ने शपथ ली, जिनमें 15 कैबिनेट मंत्री एवं 28 राज्य मंत्री हैं। हर्षवर्धन को कोविड-19 से पैदा हुए हालात के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय इसके प्रबंधन और वैक्सीन प्रशासन के लिए नोडल मंत्रालय है। अन्य वरिष्ठ मंत्रियों में आईटी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, आईबी एवं पर्यावर्ण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा और श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने भी इस्तीफा दे दिया है।
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