नई दिल्ली: कांग्रेस के आलाकमान से नवजोत सिंह सिद्धू गुट को झटका लगा है। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि पूरी कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू को नहीं सौंपी है। अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा के चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, "सिद्धू एक अलग परिवेश से आए हैं और हमने कई बातों के देखकर उन्हें पंजाब में कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है। इसका मतलब यह नहीं है कि पूरी कांग्रेस उन्हें सौंप दी है।" हरीश रावत ने कहा, "सच यह है कि हम अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही 2022 में चुनाव में जाएंगे।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस का कोई विधायक यदि अपने को असुरक्षित समझता है और समझता है कि प्रशासन उसे हराने का प्रयास कर सकता है तो यह बहुत चिंताजनक पहलू है। पहले भी कुछ शिकायतें आई थीं, संबंधित व्यक्तियों से मैंने बात भी कही थी। मैं चाहता हूं कि किसी से किसी को कोई नाराजगी है तो वह नाराजगी कांग्रेस के रास्ते में नहीं आनी चाहिए। कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है कि पूरी पार्टी मिलकर पंजाब में चुनाव लड़े।"
हरीश रावत ने कहा, "विधायकों ने मुझे भरोसा दिया है कि वे पार्टी की एकता पर आंच नहीं आने देंगे और उनका पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर पूरा भरोसा है।" उन्होंने कहा कि 'हमने बड़ी मेहनत से पंजाब में एक आशा का वातावरण पैदा किया है, मेरा कांग्रेस के लोगों से आग्रह है कि इस विश्वास को खंडित न किया जाए। संभव है कि मुख्यमंत्री से विधायकों और मंत्रियों की नाराजगी हो।'
रावत ने कहा, "सिद्धू की चिंता व्यक्ति को लेकर नहीं थी। सलाहकारों से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है और किसी सलाहकार से कांग्रेस को नुकसान होता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। सिद्धू जी को भी यह बात कह दी गई है कि वे अपने सलाहकारों को नियंत्रण में रखें। सिद्धू जी को यह कह दिया गया है कि वे आपके सलाहकार हैं, आप उन्हें नियंत्रण में रखें।"
वहीं, क्या विधायकों ने नेतृत्व बदलने की मांग की है? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "मेरे और मेरे मंत्रीगणों के बीच क्या बात हुई है, वह मीडिया के लिए नहीं हो सकती।" हरीश रावत से 4 मंत्री और 3 विधायक मिलने के लिए आए थे।
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