नई दिल्ली. कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने पार्टी नेतृत्व से आग्रह किया है कि उन्हें पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए ताकि वह अपने गृह प्रदेश उत्तराखंड में कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर सकें। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बुधवार को सुबह हुई मुलाकात के दौरान रावत ने अपनी इच्छा से उन्हें अवगत कराया।
बाद में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, "मैं आज एक बड़ी ऊहापोह से उबर पाया हूं। एक तरफ जन्मभूमि के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्मभूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं है। स्थितियां जटिल होती जा रही हैं, क्योंकि ज्यों-जयों चुनाव नजदीक आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा।"
उन्होंने कहा, "कल उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, वह हृदयविदारक है। मैं कुछ स्थानों पर ही जा पाया, लेकिन पीड़ितों के आंसू पोंछने के लिए मैं सब जगह जाना चाहता था। मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर खड़ी हुई। मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा। मैं, पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया। संतों, गुरुओं की भूमि, नानक देव जी और गुरु गोविंद सिंह जी की भूमि से मेरा गहरा भावनात्मक लगाव है।"
उन्होंने कहा, "मैंने निश्चय किया है कि नेतृत्व से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने मैं उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं। इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे मुक्त कर दिया जाए।" उल्लेखनीय है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस में पिछले कई महीनों से चल रही उठापाठक के चलते रावत लगातार व्यस्त रहे हैं। उत्तराखंड में वह कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा माने जाते हैं। पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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