नई दिल्ली: सिख धर्म के सबसे पवित्र निशानियों में एक पंच प्यारे पर विवादित बयान के बाद हरीश रावत ने सफाई दी है। हरीश रावत ने कहा कि अगर उनके बयान से किसी को दुख हुआ तो वो माफी मांगते हैं। रावत ने कहा कि वो गुरुद्वारे में झाड़ू लगाकर प्रायश्चित करेंगे। बता दें कि पंजाब कांग्रेस में लगातार जारी नवजोत सिंह सिद्धू बनाम कैप्टन अमरिंदर सिंह खींचतान को सुलझाने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के एक बयान से धार्मिक और राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।
दरअसल, मंगलवार शाम को हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और उनके साथ नियुक्त किए गए चार वर्किंग प्रेसिडेंट्स के साथ मुलाकात की। रावत ने मुलाकात के बाद सिद्धू और उनके चारों वर्किंग प्रेसिडेंट्स की तुलना सिख धर्म के "पंज प्यारे" से कर दी।
सिख धर्म में मान्यता है कि जब श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने सिख धर्म की शुरुआत की थी तो उन्होंने 5 प्यारों यानी 5 लोगों को चुना था, जो गुरु और धर्म के लिए कुछ भी कर सके। यहां तक कि धर्म के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर देते हों। इसी के बाद से ये परंपरा रही है कि जब भी सिखों की कोई भी यात्रा, नगर-कीर्तन या धार्मिक कार्यक्रम होता है, जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब को ले जाया जाना हो तो वहां पर 'पंज प्यारे' उनका नेतृत्व करते हैं।
ऐसे में हरीश रावत द्वारा सिद्धू और उनके चारों वर्किंग प्रेसिडेंट्स की तुलना किए जाने से विवाद खड़ा हो गया। अकाली दल के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कांग्रेस नेताओं की तुलना पंच प्यारे से करने को लेकर हरीश रावत की निंदा की थी। उन्होंने मांग की थी कि हरीश रावत अपने शब्दों को वापिस लें तथा तुरंत ही सिख संगत से माफी मांगे।
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