'चुनाव रथ' पर हार्दिक पटेल, कहा-'अधिकार के लिए लड़ रहा हूं, इसलिए लोग मिलने आते हैं'
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि सरकार को युवाओं को रोजगार देना होगा अगर नहीं दे सकते तो सत्ता छोड़नी पड़ेगी।
नई दिल्ली: पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि सरकार को युवाओं को रोजगार देना होगा अगर नहीं दे सकते तो सत्ता छोड़नी पड़ेगी। हार्दिक पटेल इंडिया टीवी के 'चुनाव रथ' पर सवार थे। हार्दिक पटेल ने कहा कि जिसकी जनसंख्या जितनी है उसे उसी अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए। वहीं जब आरक्षण की जगह योग्यता का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो दसवीं क्लास भी पास नहीं हुए वह देश के नेता हो गए। वहीं अपनी लोकप्रियता को लेकर हार्दिक ने कहा कि वह कोई शाहरुख खान नहीं जिसे देखने लोग बड़ी संख्या में आते हैं। हार्दिक ने कहा कि चूंकि वह लोगों के अधिकार के लिए लड़ रहे हैं इसलिए लोग उन्हें प्यार करते हैं और बड़ी संख्या में उन्हें सुनने आते हैं।
वहीं हार्दिक पटेल ने कहा कि राजनीति में वह बाल ठाकरे को पसंद करते थे क्योंकि बाल ठाकरे के बोलने का तरीका उन्हें पसंद आता था। हार्दिक पटेल ने कहा कि बाल ठाकरे कहते थे कि देश लोकशाही से चलेगा अगर जो नहीं सुनेगा तो उसके लिए ठोकशाही का तरीका भी अपनाना पड़ेगा।
वहीं पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान जेल में रहने की बात करते हुए हार्दिक ने कहा कि वह 9 महीने जेल में रहे और वहां जो कुछ भी देखा उससे एक नया अनुभव हुआ। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर तो निर्दोष लोग जाते हैं और दोषी लोग सत्ता में बैठे रहते हैं। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर उन्होंने ऐसे लोगों को देखा जो वकील को देने के लिए 2 हजार रूपये नहीं होने की वजह से जमानत नहीं ले पाए और जेल के अंदर ही जीवन गुजार रहे हैं।
हार्दिक पटेल ने कहा कि सरकार ने पहले तो राष्ट्रद्रोह का केस मुझपर लगाया उसके बाद चुनाव आते ही हटा क्यों लिया। और मुझे जमानत किसी सरकार ने नहीं दी, बल्कि कोर्ट से जमानत मिली। जमानत सरकार नहीं देती है।
हार्दिक पटेल ने कहा कि लोगों को यह नजर रखनी चाहिए कि उनका नेता क्या कर रहा है। लोग भरोसा करते हैं कि आप सत्ता में रहोगे तो लोगों के लिए काम करोगे। वहीं पीएम मोदी के संदर्भ में पूछ गए सवाल का जवाब देते हुए हार्दिक ने कहा कि हर काम विदेशी कंपनियों को सौंपे जा रहे हैं। हिंदुस्तान के लिए रह क्या गया है। उन्होंने कहा कि में स्मार्ट सिटी की नहीं स्मार्ट गांव की जरूरत है।