नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी से गुरुवार को इस्तीफा देने वाले नेता और वकील एच एस फुल्का ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे ने जो मुहिम छेड़ी हुई थी उसको राजनीतिक दल मे बदलना एक गलत फैसला था। शुक्रवार को एच एस फुल्का ने कहा कि 5 साल राजनीति में रहने के बाद वह यह मानते हैं कि अन्ना हजारे की मुहिम को राजनीतिक दल में नहीं बदलना चाहिए था।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मुहिम छेड़ी थी, उसी मुहिम में शामिल लोगों ने मिलकर बाद में आम आदमी पार्टी का गठन किया था। हालांकि गठन के समय आम आदमी पार्टी में जितने लोग जुड़े थे उनमें से अधिकतर प्रभावशाली लोग अब पार्टी छोड़ चुके हैं।
एच एस फुल्का ने कहा कि उन्होंने पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद एक साल पहले इसलिए छोड़ा था कि सिख दंगों से जुड़े केस पर ध्यान दे सकूं, उन्होंने कहा कि अब क्योंकि एक सिख दंगे में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सजा हो चुकी है, ऐसे में उन्हें लगता है कि एक साल पहले जो फैसला किया था वह बिल्कुल सही था।
एच एस फुल्का ने कहा कि अन्ना हजारे की मुहिम को राजनीतिक दल में बदलना सही फैसला नहीं था, मौजूदा समय में ऐसी मुहिम की जरूरत है और वे आने वाले समय में अन्ना हजारे की तरह एक सामाजिक मुहिम फिर से खड़ा करना चाहते हैं और आम आदमी पार्टी को छोड़ने के पीछे उनका यही मकसद है।
एच एस फुल्का ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी से अपना त्यागपत्र दिया था, उन्होंने पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा सौंपा, फुल्का ने गुरुवार को कहा था कि शुक्रवार को वे अपने इस्तीफे की वजह बताएंगे और आज उन्होंने इसके बारे में जानकारी दी।
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