#ChunavManch चुनाव तारीखों को लेकर चुनाव आयोग के काम में गुजरात सरकार ने कभी दखल नहीं दिया: रुपाणी
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज कांग्रेस पार्टी के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि चुनाव आयोग 'बीजेपी के दबाव' की वजह से चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी कर रहा है।
नई दिल्ली: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज कांग्रेस पार्टी के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि चुनाव आयोग 'बीजेपी के दबाव' की वजह से चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी कर रहा है।
गुजरात चुनाव को लेकर आज अहमदाबाद में दिनभर चलनेवाले कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा से रूपाणी ने कहा, 'हमने कभी चुनाव आयोग के कामों में दखल नहीं दिया। चुनाव की तारीखों का ऐलान करना आयोग का विशेषाधिकार है और चुनाव आयोग इसे उपयुक्त समय पर करेगा।'
रूपाणी ने कहा, 'मैं आपको बता दूं, 2012 में चुनाव आयोग ने आचार संहिता 4 अक्टूबर को लागू किया था, गुजरात में 13 और 17 दिसंबर को वोट डाले गए थे। इस साल कांग्रेस खुद यह डर जता रही थी कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की भारी जीत के मद्देनजर गुजरात चुनाव की तारीख समय से पहले आ सकते हैं। अब वे अपना रुख बदल रहे हैं। वे चाहते हैं कि चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द हो।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'गुजरात में चुनाव समय पर कराए जाएंगे। जबतक तारीखों की घोषणा होगी मेरी सरकार निश्चित तौर पर लोगों के हित में काम करती रहेगी।'
राज्य सरकार ने आंदोलनरत पाटीदार समुदाय के खिलाफ 136 केसों को हाल में वापस लेने की घोषणा की है, चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए दिवाली बोनस और नगर निगम में वाल्मीकी समुदाय के लोगों की नौकरी देने का ऐलान किया है। सरकार ने 12 अक्टूबर से कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के लिए जनरल डेवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशन (GDCR) का भी ऐलान किया है। यह इंडस्ट्री रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) लागू होने के बाद खस्ताहाल चल रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया, 'GDCR की घोषणा अचानक नहीं की गई। ढाई महीने पहले GDCR को अंतिम रूप दिया गया और उसे सार्वजनिक किया गया'.
रूपाणी ने विश्वास जताते हुए कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी फिर से सत्ता पाने में कामयाब रहेगी। 'गुजराती प्रैक्टिकल लोग होते हैं, वे विकास में विश्वास करते हैं, वे जानते हैं कि केंद्र में नरेंद्रभाई और राज्य में बीजेपी की सरकार उनकी मदद करेगी।'
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, 'उनके बयानों में बचपनापन झलकता है। कांग्रेस के लिए 'विकास' एक मजाक है, हमारे लिए 'विकास' 'मिजाज' है।'
हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी नहीं कहा 'विकास पगला गया है'। 'मैंने वास्तव में जो कहा था वह कांग्रेस नेताओं के बयान पर आधारित था। कांग्रेस नेता लगातार यह कहते रहे कि कोई 'विकास' नहीं था और मैंने कहा ये नेता 'विकास' को लेकर 'पागल' से प्रतीत हो रहे हैं।
रूपाणी ने कहा, 'सोनिया गांधी का 'पुत्रमोह' कांग्रेस के पतन की वजह है और अहमद पटेल का राज्यसभा सीट 'मोह' गुजरात कांग्रेस के मौत की वजह है।'
मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी के उन आरोपों को नकार दिया कि नर्मदा नदी परियोजना कुछ मुट्ठीभर उद्य़ोगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए है।
रुपाणी ने कहा, 'मैं आपको स्पष्ट कर दूं। हम नर्मदा का 80 फीसदी पानी पीने के उद्देश्य से दे रहे हैं, 18 फीसदी सिंचाई के उद्देश्य के लिए है और केवल 2 फीसदी पानी उद्योगों के लिए है।'
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि गुजरात में कांग्रेस के शासन के दौरान छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर 37 फीसदी थी जबकि अब यह केवल एक फीसदी रह गई है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि 1995 में गुजरात की प्रति व्यक्ति आय 13 हजार रुपये थी, और अब यह 1 लाख 40 हजार रुपये है। 'इस साल गुजरात में हमने 72 हजार लोगों को रोजगार दिया है जबकि कांग्रेस ने गुजरात में 20 साल तक नौकरी पर प्रतिबंध लगा रखा था।'
जब रजत शर्मा ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस शासन के दौरान 16 शीर्ष उद्योग स्थापित किए गए, रूपाणी ने इसपर चुटकी लेते हुए कहा, 'हां, कांग्रेस शासन के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना हुई, आज वे रिलायंस वाले अंबानी और अडानी को नरेंद्र भाई के साथ जोड़ रहे हैं। कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है। मोदी जी गरीबों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं।'