'मोदी की लोकप्रियता से डरती है कांग्रेस, गुजरात चुनाव में जातिगत नेताओं का ले रही सहारा'
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कांग्रेस और हार्दिक पटेल के बीच गठजोड़ से भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर किसी प्रकार के खतरे की बात को नकारते हुए कांग्रेस पर
अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कांग्रेस और हार्दिक पटेल के बीच गठजोड़ से भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर किसी प्रकार के खतरे की बात को नकारते हुए कांग्रेस पर जातिवाद का सहारा लेने और विभिन्न जाति के नेताओं से चुनाव प्रचार कराने का आरोप लगाया है। रूपाणी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को ‘‘धोखा’’ दे रही है, वहीं दूसरी ओर आंदोलन करने वाले लोग चुनाव के लिए टिकट चाह रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पीटीआई-भाषा के साथ विस्तृत बातचीत में हार्दिक को ‘‘मीडिया निर्मित’’ नेता बताया साथ ही कहा कि पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करने वाले हार्दिक पटेल का दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को खुला समर्थन कोई चुनावी गठबंधन नहीं हैं बल्कि दोनों पक्षों के बीच ‘समझौता’ हुआ है। उन्होंने गुजरात में धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ‘‘गप्पीदास’’ बताया और उन पर भाजपा शासित प्रदेश के बारे में मनगढ़ंत आंकडे़ पेश करने के आरोप लगाए।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘जो मुझे समझ आया है उस आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि इसका (कांग्रेस-हार्दिक गठबंधन का) (भाजपा पर) कोई असर नहीं होगा क्योंकि इनका असली चेहरा सामने आ चुका है। उन्होंने आरक्षण की मूल मांग को एक तरफ रख दिया है और आंदोलनकारी कांग्रेस का टिकट पाने के लिए लाइन में लगे हैं।’’
वह गुजरात चुनाव में पटेल के कांग्रेस को समर्थन देने से पड़ने वाले असर के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस इस बारे में कुछ नहीं बोल रही है कि (अगर वह सत्ता में आई तो) वह पाटीदारों को आरक्षण कैसे देगी और वह (हार्दिक पटेल) कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर रहे हैं। इससे यह पता चलता है कि ‘सौदेबाजी’ हुई है।’’
हार्दिक पटेल की पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने पटेल समुदाय के लोगों को 50 फीसदी की तय सीमा से आगे जा कर कोटा देने के पार्टी के फॉर्मूले को स्वीकार कर पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है जिसे गुजरात में खेल का रूख बदल देने वाला बदलाव माना जा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायालय की ओर से 50 फीसद की निर्धारित सीमा से आगे जा कर आरक्षण देना के वादे को पूरा नहीं किया जा सकेगा।
रूपाणी ने आरोप लगाया कि, ‘‘देश में आरक्षण के मुद्दे पर अनेक आंदोलन हुए हैं और 1980 में इसी प्रकार के एक आंदोलन में गुजरात में कांग्रेस की सरकार के दौरान कम से कम 100 युवा मारे गए थे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय कह चुकी है कि 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण दिया ही नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा,‘ मेरे पास उनके लिए एक चुनौती है-देश के दिग्गज वकीलों को इक्कट्ठा करो और उनकी राय लो। कपिल सिब्ब्बल के अलावा कोई भी इस फॉर्मूले का समर्थन नहीं करेगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘50 फीसदी की तय सीमा से आगे जा कर आरक्षण देने का कांग्रेस का फॉर्मूला लोगों को छलने का एक प्रयास है और यह नहीं चलेगा। इसी से सौदे का पता चलता है।’’