हार्दिक पटेल: भाषणों में बाल ठाकरे तो पहनावे में केजरीवाल से प्रभावित
हार्दिक पटेल के एक समर्थक ने बताया, इन चुनावों में यह लड़का गुजरात में वैसा ही प्रदर्शन करेगा जैसा केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में किया था...
वडोदरा, खम्बात (गुजरात): अरविंद केजरीवाल की तरह कमीज, पैंट और टोपी पहनने वाले और बाल ठाकरे की तरह हास्य-व्यंग्य करने और कहावत कहने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी प्रदर्शनों के रास्ते राजनीति में आए।
गुजरात में राज्य विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज वोट डाले जा रहे थे, जहां सभी का ध्यान पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की तरफ है, जो राज्य के युवकों को अपनी तरफ उसी अंदाज में आकर्षित करना चाहते हैं जैसा दिल्ली में भ्रष्टाचार निरोधक अभियान के मार्फत केजरीवाल ने किया था और जिस तरह से महाराष्ट्र समर्थक आंदोलन के माध्यम से बाल ठाकरे भीड़ खींचते थे।
चुनावों में 24 वर्षीय हार्दिक ने कांग्रेस का समर्थन किया है। अपनी रैलियों में वह खुलकर कांग्रेस का समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन लोगों से अपील की कि भाजपा को वोट नहीं दें। उनके राजनीतिक विरोधी कहते हैं कि राज्य के मतदाताओं पर उनका बहुत कम प्रभाव है। लेकिन हार्दिक के समर्थकों का मानना है कि राज्य के युवा उनके साथ हैं। उनके समर्थक और चिकित्सक अभय राज कहते हैं, ‘‘वह गुजरात के युवकों की आवाज हैं, न कि किसी विशेष जाति के। हार्दिक उन मुद्दों पर बात करते हैं जो राज्य और इसके लोगों के लिए प्रासंगिक हैं, खासकर युवकों के लिए।’’
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के संस्थापक ने कांग्रेस को तब समर्थन देने की घोषणा की जब पार्टी ने कहा कि वह समुदाय के आरक्षण के मुद्दे का समाधान करेगी। हाल में एक रैली के इतर उन्होंने बताया, ‘‘हम चुनावों में जीतेंगे और हमें 100 सीटें मिलेंगी। भाजपा हारेगी।’’ राज्य में पीएएएस की चुनावी रैलियां आम आदमी पार्टी की तरह थीं। मंच पर कुर्सियां नहीं थीं या बड़े बैनर नहीं लगे थे। एक डीजे की तरह वह माइक्रोफोन पकड़ते और मंच से लोगों के बीच जाकर बात करते।
वडोदरा के उनके एक समर्थक ने बताया, ‘‘इन चुनावों में यह लड़का गुजरात में वैसा ही प्रदर्शन करेगा जैसा केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में किया था।’’ पटेल समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग करते हुए पटेल ने आंदोलन किया और फिर राज्य की राजनीति में आए और जिन इलाकों में पटेलों की बहुलता नहीं थी, वहां उन्होंने आरक्षण का जिक्र नहीं किया। इसके बजाए इन इलाकों में उन्होंने नौकरियों और किसानों की समस्याओं पर बात की।
पीएएएस नेता ने लोगों को गुजराती में संबोधित किया और अपने भाषणों में बाल ठाकरे की तरह हास्य और लोकप्रिय कहावतों का इस्तेमाल किया। हार्दिक ने चुनावों में भाजपा के चुनावी वादों ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर चुटकियां लीं।