गुजरात कांग्रेस में अंदरूनी कलह? एक विधायक ने छोड़ी पार्टी
आशा पटेल नेआरोप लगाया है कि गुजरात कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति कर रही है और राज्य में लोगों को जाती के आधार पर बांट रही है
अहमदाबाद। गुजरात में कांग्रेस की विधायक आशा पटेल ने शनिवार को ‘‘अंदरूनी कलह’’ का हवाला देते हुए विधानसभा और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मेहसाणा जिले के ऊंझा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक आशा पटेल ने गांधीनगर में गुजरात विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी को आज सुबह अपना इस्तीफा सौंपा। विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
पटेल के इस्तीफे को कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में पटेल ने भाजपा से ऊंझा सीट कांग्रेस को दिलाई थी। ऊंझा, महेसाणा लोकसभा सीट में आने वाले सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। सात विधानसभा क्षेत्रों में से चार भाजपा और तीन कांग्रेस के पास हैं। महेसाणा लोकसभा सीट भाजपा के पास है।
आशा पटेल ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने अंदरूनी कलह और पार्टी नेतृत्व के मुझे नजरअंदाज करने के चलते इस्तीफा दिया है।’’ पटेल ने यह भी दावा किया है कि पिछले एक साल में राज्य के मुद्दों पर दी गई उनकी किसी भी राय पर गौर नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया है कि गुजरात कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति कर रही है और राज्य में लोगों को जाती के आधार पर बांट रही है।
सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह कोई निर्णय लेने से पहले निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से विचार-विमर्श करेंगी। कांग्रेस राज्य इकाई के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि ऐसा लगता है कि आशा पटेल ने अपने निजी स्वार्थ के चलते यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘कल तक, उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा था।’’
इससे पहले कांग्रेस विधायक कुंवरजी बावलिया ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 182 सीटों में से भाजपा ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी।
(इनपुट-भाषा)