नई दिल्ली। जलियांवाला बाग ट्रस्ट से स्थायी ट्रस्टी के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष का नाम हटाने के लिए सरकार की तरफ से संसद में बिल पेश कर दिया गया है। पर्यटन मंत्री प्रल्हाद सिंह पटेल ने जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियाल संशोधन विधेयक 29 जुलाई को लोकसभा में पेश किया है और इस बिल में कांग्रेस अध्यक्ष को ट्रस्ट के स्थाई ट्रस्टी से हटाए जाने का प्रस्ताव शामिल है।
दरअसल जलियांवाला बाग एक राष्ट्रीय स्मारक है और किसी राजनीतिक दल के अध्यक्ष को इसका ट्रस्टी बनाए जाने को लेकर लंबे समय से विरोध होता आया है। हालांकि कांग्रेस की तरफ कहा जाता आया है कि आजादी की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का अहम योगदान है और यही वजह है कि पार्टी अध्यक्ष स्मारक ट्रस्ट में ट्रस्टी के तौर पर शामिल हैं।
कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का विरोध कर रही है और इसे देश की विरासत से छेड़छाड़ बता रही है वहीं केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद पटेल का कहना है कि कांग्रेस ने इस स्मारक की देखभाल और रखरखाव के लिए कुछ नहीं किया है। केंद्र सरकार ने विधेयक में प्रस्ताव दिया है कि कांग्रेस अध्यक्ष की जगह लोकसभा में नेता विपक्ष को ट्रस्ट का ट्रस्टी माना जाएगा।
इस साल जलियांवाला बाग हत्या कांड को 100 साल पूरे हुए हैं और शायद यही वजह है कि सरकार ने स्मारक के ट्रस्ट से कांग्रेस अध्यक्ष को हटाए जाने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी इस विधेयक को संसद में पेश किया गया था लेकिन राज्यसभा में पास नहीं होने की वजह से यह अटक गया था।
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