नयी दिल्ली: कांग्रेस ने पैगसस को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार से सवाल किये जाने के बाद सोमवार को कहा कि केंद्र को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसकी किसी एजेंसी ने इस स्पाईवेयर को खरीदा या नहीं। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा पैगसस को खरीदने या नहीं खरीदने, दोनों ही परिस्थितियों में इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बार-बार हमने सवाल पूछा, क्या एक शब्द में उत्तर नहीं दिया जा सकता था? गृह मंत्री ने पैगसस पर ब्लॉग लिखा, उस ब्लॉग की जगह एक लाइन लिख देते कि पैगसस देश के किसी मंत्रालय ने खरीदा है कि नहीं। प्रधानमंत्री जो रोजाना औसतन 14 ट्वीट करते हैं, एक ट्वीट इस पर कर देते, कि पैगसस खरीदा है कि नहीं।’’
वल्लभ ने सवाल किया, ‘‘अगर नहीं खरीदा है तो विदेशी स्पाइवेयर का उपयोग भारत सरकार की अनुमति के बिना देश के लोगों पर एक हथियार के तौर पर कैसे हुआ? दोनों की स्थितियों में एक जांच की सख्त आवश्यकता है और ये जांच वैसी जांच नहीं होनी चाहिए कि आप लीपा-पोती करके इसको खत्म कर दो। एक जांच हो और हमने बार-बार मांग की है।’’
बता दें कि केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि कथित पैगसस जासूसी मामले में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर वह विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहती, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि वह केवल यह जानना चाहती है कि क्या केंद्र ने नागरिकों की कथित जासूसी के लिए अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया या नहीं?
पत्रकारों एवं अन्य द्वारा निजता हनन की चिंताओं के बीच केन्द्र के इस रुख को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर वह अंतरिम आदेश देगा। साथ ही दोहराया कि न्यायालय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े किसी भी मामले की जानकारी प्राप्त करने की इच्छुक नहीं है।
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