मुंबई: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद गोपाल शेट्टी ने ईसाई समुदाय को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को अपना इस्तीफा भेज दिया और बाद में वापस भी ले लिया। मुंबई नॉर्थ से सांसद शेट्टी ने गुरुवार को मुंबई में शिया कब्रिस्तान समिति द्वारा आयोजित ईद-ए-मिलाद कार्यक्रम में बोलते हुए ईसाइयों को 'अंग्रेज' बता दिया था। शेट्टी ने कहा था, 'ईसाई ब्रिटिश थे, इसलिए उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया। भारत को हिंदू या मुस्लिम ने नहीं आजाद कराया, हम आजादी के लिए एक होकर लड़े।' शाह को पत्र के माध्यम से इस्तीफा भेजने के बाद शेट्टी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने मुझे मिलने के लिए बुलाया है, और पार्टी जो फैसला लेगी मुझे मंजूर है। हालांकि बाद में शेट्टी ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
बयान पर विवाद के बाद शेट्टी ने दी सफाई
शेट्टी ने कहा, ‘अगर इस देश मे मुझे अपनी बातें रखने की इजाजत नही है, और मेरी बातों को लोग गलत समझ रहे हैं तो मुझे सांसद पद पर रहने का कोई हक नहीं, इसीलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी अध्यक्ष ने मुझे मिलने के लिए बुलाया है और पार्टी जो फैसला लेगी मुझे मंजूर है।’ बयान पर विवाद बढ़ने के बाद शेट्टी ने कहा, ‘मैं किसी भी तरह से पार्टी को शर्मिंदगी में नही डालना चाहते हूं और इसके लिए जो भी सही होगा करने के लिए तैयार हूं।’ उन्होंने कहा कि मैं समाज को जोड़ने का काम करता हूं, मेरे कुछ कहने से अगर किसी समाज को दुख पहुंचता है तो मुझे अपने पद पर रहने का कोई हक नहीं है।
भाजपा ने शेट्टी के बयान से किया किनारा शेट्टी के बयान से किनारा करते हुए मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलर ने कहा, ‘बीजेपी ऐसे बयान का समर्थन नहीं करती और न ही यह बीजेपी का आधिकारिक पक्ष है। हम ईसाई समुदाय का पूरा समर्थन करते हैं। पार्टी की ओर से उन्हें अपना बयान वापस लेने के लिए कहा गया है।’ यह पहला मामला नहीं है जब शेट्टी विवादों में हैं। इससे पहले नोटबंदी के दौरान बैंकों की कतारों में लगे लोगों में से कुछ की मौतों पर उन्होंने कहा था कि देश में रेल हादसों, सड़क हादसों और आतंकी घटनाओं में भी लोगों की जानें जाती हैं, तब कोई कुछ नहीं कहता। उन्होंने कहा था कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ा है। शेट्टी के इस बयान की भी खासी आलोचना हुई थी।
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