मुंबई: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने पटना में शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के इतर मंच पर उनके पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल और लालू प्रसाद यादव के गर्मजोशी से गले मिलने पर आज निराशा व्यक्त की।
हजारे ने कहा, अच्छा है कि मैंने अरविंद का साथ छोड़ दिया अन्यथा मुझे भी इसी प्रकार के हालात का सामना करना पड़ता।
उन्होंने अहमदनगर जिले में अपने मूल गांव रालेगण सिद्धि में संवाददाताओं से कहा, लालू के साथ हाथ मिलाना और उनसे गले मिलना सही नहीं है।
हजारे ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब केजरीवाल ने लालू से गले मिलने की घटना पर स्पष्टीकरण देने की कोशिश की है। यह घटना देश में चर्चा का एक बड़ा विषय बन गई है।
केजरीवाल ने कल दावा किया था , उन्होंने :लालू यादव: मुझसे हाथ मिलाया और खींचकर गले लगा लिया और इसके बाद उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और उठा दिया । इसे पेश किया गया और सवाल पूछे गये।
दोनों नेताओं के गले मिलने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और दो वर्ष पहले किए गए केजरीवाल के ट्वीट का जिक्र करते हुए आप नेता को उस समय लालू यादव के संबंध में उनके रख के बारे में याद दिलाया गया जब यादव भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए गए थे।
लालू और केजरीवाल के गले मिलने की घटना के कारण आप नेता की केवल सोशल मीडिया पर ही आलोचना नहीं हो रही है बल्कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी उन पर निशाना साध रहे हैं। आप में उनके पूर्व सहयोगी योगेंद्र यादव ने कहा, आंदोलन की राजनीतिक पूंजी राजनीतिक भ्रष्टाचार के प्रतीकों को बेच दी गई। शर्म की बात है।
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