पणजी: गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर सहयोगियों की ‘पीठ में छुरा घोंपने’ का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने सावंत से पूछा कि जब बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार स्थिर थी तो कांग्रेस विधायकों के ‘थोक में दल-बदल’ के पीछे क्या वजह रही। उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर और सावंत की कार्यशैलियों के बीच फर्क का भी जिक्र किया। सरदेसाई ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के 10 विधायकों ने सावंत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से GFP के महज 3 विधायकों को निकालने के लिए ‘राजनीतिक आत्महत्या’ की।
‘सावंत ने पीठ में छुरा घोंपने जैसी हरकत की है’
गौरतलब है कि इस महीने 10 कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद सावंत ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया था। उन्होंने तब सहयोगी रहे GFP के 3 सदस्यों और एक निर्दलीय विधायक को हटा दिया। जिन विधायकों को मंत्री पद से हटाया गया था उनमें सरदेसाई भी शामिल थे जो उस समय उपमुख्यमंत्री थे। सरदेसाई ने कहा, ‘जब स्थिरता थी और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सुचारू रूप से चल रही थी तो हम इतने थोक में दल-बदल की उम्मीद नहीं कर रहे थे। सावंत ने जो किया वह पीठ में छुरा घोंपने जैसा है जिसके कारण राजग सहयोगियों के बीच अविश्वास पैदा हो गया है।’
सरदेसाई ने बताया पर्रिकर और सावंत में अंतर
सरदेसाई ने कहा, ‘आज BJP के पास बेशक सदस्य हों और उसे सहयोगियों की जरुरत ना हो लेकिन फिर भी यह व्यवहार अस्वाभाविक है।’ उन्होंने दावा किया कि GFP के 3 सदस्यों को हटाने के लिए ही 10 कांग्रेसी विधायक BJP में शामिल हुए। उन्होंने कहा, ‘3 सदस्यों को हटाने के लिए, 10 विधायकों ने राजनीतिक आत्महत्या की।’ GFP नेता ने कहा, ‘जब यह प्रस्ताव तत्कालीन मुख्यमंत्री पर्रिकर के पास गया था तो उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि जिन्होंने उन्हें 2017 में सत्ता में आने में मदद की थी वे पूर्ण कार्यकाल के लिए उनके साथ रहेंगे। पर्रिकर ने पर्याप्त संख्या होने के बावजूद 2012 में महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (MGP) को जगह दी थी।’
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