पणजी। गोवा में कांग्रेस के 10 विधायकों के भाजपा में शामिल होने से भगवा दल के सहयोगी दलों के भाग्य पर सवाल खड़ा हो गया है, वहीं राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि अभी तक उनके बारे में निर्णय नहीं किया गया है।
दो तिहाई विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में भाजपा का संख्याबल बढ़कर 27 हो गया है। इसके बाद सावंत सरकार को अब किसी सहयोगी के समर्थन की जरुरत नहीं है। सावंत 10 विधायकों के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। सावंत ने दिल्ली से फोन पर पीटीआई से कहा, ‘‘हमने अभी तक गठबंधन सहयोगियों पर कोई निर्णय नहीं किया है। हम गोवा लौटने के बाद कोई निर्णय करेंगे।’’
ऐसा माना जाता है कि सावंत और शाह ने कैबिनेट में फेरबदल पर चर्चा की। सावंत को कांग्रेस से टूटकर आये विधायकों को समायोजित करने के लिए कुछ वर्तमान मंत्रियों को हटाना होगा। इस तटवर्ती राज्य में गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के तीन विधायक और तीन निर्दलीय, भाजपा नीत गठबंधन का हिस्सा हैं। जीएफपी के प्रमुख विजय सरदेसाई सहित उसके सभी तीन विधायक और निर्दलीय रोहन खाउंते और गोविंद गवाड़े सावंत कैबिनेट में शामिल हैं।
साल 2017 में विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था और कांग्रेस 17 विधायकों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी। यद्यपि भाजपा ने 13 विधायकों के साथ जीएफपी, एमजीपी और निर्दलीयों की मदद से सरकार बना ली थी।
इस वर्ष मार्च में एमजीपी के तीन में से दो विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे जबकि एमजीपी के वरिष्ठ नेता एवं तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुदीन धावलिकर को कैबिनेट से हटा दिया गया था। उप मुख्यमंत्री सरदेसाई ने कहा कि उनकी पार्टी ‘‘अच्छे और बुरे समय में इस सरकार के साथ रही है।’’
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