नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और समाजसेवी अन्ना हजारे को भूमि अधिग्रहण विधेयक पर एक पत्र लिखा है और उन्हें प्रस्तावित कानून पर खुली बहस के लिए न्योता दिया है। गडकरी ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने सोनिया जी और अन्ना जी को पत्र लिखा है और उनसे आग्रह किया है कि वे भूमि अधिग्रहण विधेयक पर खुली बहस के लिए एक मंच चुन लें।"
उन्होंने कहा कि अगर वे सरकार को गलत साबित कर देते हैं तो केंद्र सरकार विधेयक में बदलाव करने के लिए तैयार है।
गडकरी ने कहा, "सरकार विपक्ष द्वारा बताए गए संशोधनों को स्वीकार कर लेगी, अगर वे केंद्र को गलत साबित कर देते हैं, तब।"
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मतभेद दूर कराने की जिम्मेदारी गडकरी को सौंपी है।
गडकरी ने कहा, "अनुमानों के विपरीत प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण कानून किसानों के खिलाफ नहीं है। वास्तव में यह ग्रामीण अवसंरचना, सिंचाई और सड़क मार्गो के लिए सहायक होगा।"
उन्होंने विपक्ष पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
अन्ना हजारे ने 14 मार्च को तीन पन्नों का एक पत्र सोनिया गांधी को लिखा था और भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करने में उनकी पार्टी का समर्थन मांगा था।
सोनिया गांधी ने बुधवार को अन्ना के पत्र का जवाब देते हुए लिखा था कि वह अन्ना के साथ इस बात से सहमत हैं कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया भूमि अधिग्रहण विधेयक किसानों के हित में नहीं है और उनकी पार्टी इसके विरोध में लड़ाई जारी रखेगी।
सोनिया ने पत्र में यह भी कहा था कि उनकी पार्टी हर मोर्चे पर इस विधेयक का विरोध करेगी।
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