पटना: चारा घोटाले के चौथे मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिए जाने से दुखी उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने सोमवार को कहा कि उन्हें इस मामले में अदालत से राहत की उम्मीद थी, परंतु ऐसा नहीं हो सका। चारा घोटाले के एक मामले में अदालत द्वारा लालू को दोषी ठहराए जाने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, ‘मैं अदालत के फैसले का सम्मान करती हूं। कानून जो कहेगा, वह मानना पड़ेगा।’
राहत की उम्मीद के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘राहत की उम्मीद सभी को रहती है, हमलोगों को भी थी। इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे।’ चारा घोटाले में दुमका कोषागार से फर्जी निकासी के मामले में रांची की विशेष CBI अदालत ने सोमवार को लालू प्रसाद को दोषी करार दिया। इससे पहले भी चारा घोटाले के 3 मामलों में लालू दोषी ठहराए जा चुके हैं। वहीं, लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने कहा, ‘मेरे पिताजी को फंसाया गया है। वह बीमार हैं, फिर भी उन्हें अस्पताल से अदालत लाया गया। अदालत के फैसले पर कोई भी टिप्पणी उचित नहीं है। हमलोग ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, वहां से न्याय की उम्मीद है।’
इधर, RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि पूर्व फैसले के खिलाफ भी रांची उच्च न्यायालय में गुहार लगाई गई है, और इस फैसले के खिलाफ भी ऊपरी अदालत जाएंगे। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को न्याय अवश्य मिलेगा। गौरतलब है कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में रांची की विशेष CBI अदालत ने सोमवार को RJD सुप्रीमो को दोषी करार दिया। मामले में लालू की सजा पर बहस 21, 22 और 23 मार्च को होगी।
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