मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखने वाले शख्स की पिटाई करने के आरोप में शिवसेना के कुछ समर्थकों के खिलाफ बुधवार को मामला दर्ज हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना का वीडियो उपलब्ध होने के बावजूद 3 दिन के बाद भी पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। हिरामणि तिवारी की शिवसेना के कथित समर्थकों ने रविवार को उनके वडाला ट्रक टर्मिनस स्थित घर पर पिटाई की थी और जबरन उन्हें गंजा कर दिया था।
मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को जलियांवाला बाग नरसंहार से जोड़ने के खिलाफ तिवारी ने पोस्ट किया था। तिवारी के साथ मार-पिटाई का वीडियो वायरल हो गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि इस संबंध में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले में शुरू से पुलिस का रवैया बेहद लचीला रहा। 22 दिसंबर की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद भी पुलिस दोनों पक्षों को सिर्फ एक नोटिस भेजकर, दोबारा कानून हाथ मे न लेने की हिदायत देकर मामले को रफा-दफा करने में जुटी थी।
इसी बीच 23 दिसंबर को ये वीडियो जब तेजी से वायरल हुआ तो पुलिस ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि पीड़ित की तरफ से कोई शिकायत नही दी गई है, जबकि ऐसे मामलों में पुलिस स्वत: संज्ञान ले सकती है। राज्य में शिवसेना की अगुवाई में सरकार गठन के बाद पहली बार सीधे तौर पर शिवसैनिकों ने किसी उत्तर भारतीय के साथ बदसलूकी की है। हीरामणि मामले में सीधे तौर पर न तो गृह मंत्री एकनाथ शिंदे और न ही मुख्यमंत्री उद्धव की तरफ से कोई बयान आया। बीजेपी द्वारा मामले को उठाने के बाद उद्धव के बेटे और विधायक आदित्य ठाकरे शिवसैनिकों के बचाव में आगे आए और तिवारी की पोस्ट को भड़काऊ और वैमनस्य पैदा करने वाला करार दिया।
आदित्य ने साथ ही कहा कि उस पोस्ट से मुख्यमंत्री का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि कानून को किसी को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। कागजी खानापूर्ति करने में जुटी पुलिस की मुश्किल 25 दिसंबर को और बढ़ गई क्योंकि तिवारी की मौजूदगी में सैकड़ों उत्तर भारतीय और बीजेपी कार्यकर्ता पुलिस स्टेशन पर प्रोटेस्ट करने पहुंच गए। वरिष्ठ अधिकारियो से बातचीत के बाद धरना प्रदर्शन खत्म हुआ और एफआईआर दर्ज कर ली गई, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं वे गैर जमानती धाराएं है, ऐसे में आरोपियो की गिरफ्तारी तय है।
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