भोपाल: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह और प्रशांत पांडे पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भोपाल की जिला कोर्ट ने दिए है। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के सदस्य संतोष शर्मा के दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए जिला कोर्ट ने श्यामला हिल्स थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान करने के दिए निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने पुलिस को 4 अक्टूबर को एफआईआर की कॉपी पेश करने के लिए कहा है। व्यापमं घोटाले में दिग्विजय सिंह की तरफ से कोर्ट में केस करने के बाद भाजपा विधि प्रकोष्ठ की तरह से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया। कोर्ट में आईपीसी की धारा 420, 466, 468 समेत कई धाराओं में परिवाद लगाया गया है। परिवाद में कांग्रेस नेताओं पर कोर्ट को गुमराह और झूठे दस्तावेज पेश करने का आरोप लगाया गया है। परिवाद में कहा गया है कि सीबीआई ने अपनी जांच में पहले ही कांग्रेस के सभी आरोप को झूठा ठहरा चुकी है।
ये है पूरा मामला
व्यापमं मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ भोपाल कोर्ट में केस दायर किया है। दिग्विजय सिंह की तरफ से कोर्ट में परिवाद लगाकर पेन ड्राइव की एक्सल शीट में छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। दिग्विजय की तरफ से कोर्ट में 27 हजार पन्नों में दस्तावेज पेश किए गए है। कांग्रेस का आरोप है कि व्यापंम मामले को लेकर बनाई गई एक्सेल शीट में जांच के दौरान छेड़छाड़ कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के नाम हटाए गए है।
इस मामले को लेकर कोर्ट में दिग्विजय सिंह के बयान दर्ज हो चुके हैं। दिग्विजय सिंह के केस के बाद कोर्ट में भाजपा के विधि प्रकोष्ठ से ताल्लुक रखने वाले संतोष शर्मा ने कोर्ट में परिवाद लगाया था, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये निर्देश दिए।
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